यह दबाव आर्थिक रूप से होता है. श्री येचुरी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियां कॉरपोरेट जगत व बड़ी कंपनियों के हित में हैं. बस आम लोगों के हितों की अनदेखी हो रही है. अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब. देश में आर्थिक असमानताएं बढ़ रही हैं.
देश नव उदारवादी आर्थिक नीतियों, संसदीय प्रक्रियाओं की अनदेखी व सांप्रदायिक शक्तियों के उभार जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है. माकपा नेता ने कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा की ओर से देश में अच्छे दिन आने का वादा किया गया था. अच्छे दिन किसके लिए आये, यह सोचने की बात है. क्या किसान, श्रमिक वर्ग के लिए अच्छे दिन आये? लोग महंगाई के बोझ तले दबते जा रहे हैं, लेकिन इसके समाधान के लिए सटीक कदम नहीं उठाये जा रहे हैं.