शुक्रवार को प्रेसिडेंसी जेल से बाहर निकल कर उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत की. कभी सारधा मामले में मुखर बयान देने वाले कुणाल आज इस मामले से जुड़े प्रश्नों को पूरी तरह से टाल गये.
उन्होंने इस कठिन परिस्थिति में साथ देने वाले अपने मित्रों के साथ जेल पुलिस के एक वर्ग व कारागार के कैदियों को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि वे काफी खुश हैं कि षष्ठी के दिन वे विश्व की माता के साथ अपनी मां से भी मिलेंगे. जेल में अपने अनुभवों को लेकर अधूरे उपन्यास को भी पूरा करने में खाली समय का उपयोग करेंगे.