कोलकाता:राज्य में एक बार फिर डेंगू अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है. डेंगू के महामारी बनने से पहले अब तक इस मच्छरजनित बीमारी के चपेट में आने से 6 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं जनवरी से अब तक कुल 838 लोग इस बीमारी के चंगुल में आ चुके हैं. राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक प्रो डॉ विश्व रंजन सत्पथी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया की डेंगू के चपेट में आने से सोमवार तक कुल 6 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि मंगलवार जिन दो लोगों की मौत हुई उसकी पुष्टि अभी नहीं हो सकी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मृतकों के विभिन्न रिपोर्ट की जांच की जा रही है. जांच पूरा होने के बाद ही पता चल सकेगा कि दोनों की मौत कैसे हुई है. उधर, मंगलवार महानगर के पार्क सर्कस स्थित एक नर्सिंग होम में बुखार से पीड़ित एक छात्रा की मौत हो गयी. मृतका का नाम ज्योति बैरागी बताया गया है. ज्योति कक्षा 11 की छात्रा थी. वह दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर की रहनेवाली थी.
इलाज के लिए वह उक्त नर्सिंग होम में दाखिल करायी गयी थी. मृतका के परिजनों का आरोप है कि डेंगू की चपेट में आने से उसकी मौत हुई. दूसरी ओर मंगलवार उत्तर 24 परगना जिले के कांकीनाड़ा के 14 नंबर वार्ड में अज्ञात बुखार के कारण एक मरीज की मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग मौत के कारणों को जानने के लिए अस्पतालों से रिपोर्ट की मांग की है. उधर, गैरसरकारी रिपोर्ट के अनुसार अब तक डेंगू की चपेट में आने के कारण राज्य में 8 लोगों को जान गंवानी पड़ी है. जनवरी से जुलाई महीने तक महानगर में डेंगू के कुल 112 व हावड़ा में 24 मामले सामने आये हैं.
विभिन्न अस्पतालों में फिवर क्लीनिक की व्यवस्था
स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ सत्पथी ने बताया कि डेंगू की चिकित्सा के लिए विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फिवर क्लीनिक की व्यवस्था की गयी है. फिवर क्लीनिक साल भर खुले रहते हैं. वहीं सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों व अस्पताल में डेंगू की पहचान के लिए रक्त के नमूनों की जांच करने की व्यवस्था है.
कहीं भी पानी जमा ना होने दें : मुख्यमंत्री
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्कूल-कॉलेजों, दफ्तरों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, अदालतों किसी भी जगह पानी नहीं जमने देने का आह्वान किया है. राज्य में डेंगू के बढ़ते प्रकोप पर नियंत्रण के मुद्दे पर नवान्न में हुई जरूरी बैठक की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि अनजान बुखार, मलेरिया, डेंगू, डायरिया इत्यादि का प्रकोप बरसात के मौसम में बढ़ जाता है. लोग एक जगह से दूसरी जगह पर आते-जाते हैं, उनके साथ रोग भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाता है. आबादी के साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है. हमें सावधानी बरतनी होगी. कहीं भी जमा हुआ पानी नहीं रहने देना है. अगर कहीं पानी जमा हो तो उसे फौरन साफ करना होगा. सफाई बनाये रखनी होगी. स्कूल-कॉलेजों काे साफ रखना हाेगा, इस संबंध में स्कूल-कॉलेजों को जल्द ही निर्देशिका भेजी जायेगी. स्कूल साफ हैं या नहीं, इस पर नजर रखनी होगी. यह काम पंचायतों व नगरपालिकाआें को करना होगा. इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जायेगा. घर-घर जाकर स्वास्थ्यकर्मी लोगों को सचेत करने का प्रयास करेंगे.