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सियाचीन में शहीद कर्नल अंबरीश राय को दी गयी अंतिम विदाई

कोलकाता : भारत-पाकिस्तान की सीमा सियाचीन ग्लेशियर में शहीद हुए सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल अंबरीश राय का शव बुधवार की रात कोलकाता एयरपोर्ट लाया गया. उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार की सुबह बैरकपुर के गिदा स्थित उनकी सुसराल में अंतिम दर्शन के लिए ले जाया गया. बैरकपुर कैंटोंमेंट के 1906 नंबर सेना की लाइट रेजिमेंट […]

कोलकाता : भारत-पाकिस्तान की सीमा सियाचीन ग्लेशियर में शहीद हुए सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल अंबरीश राय का शव बुधवार की रात कोलकाता एयरपोर्ट लाया गया. उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार की सुबह बैरकपुर के गिदा स्थित उनकी सुसराल में अंतिम दर्शन के लिए ले जाया गया.

बैरकपुर कैंटोंमेंट के 1906 नंबर सेना की लाइट रेजिमेंट बटालियन की ओर से राष्ट्रीय सेना सम्मान के साथ सलामी दी गयी. बैरकपुर सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 821 नंबर लाइट रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल अंबरीश राय (38) सियाचीन ग्लेशियर में तैनात थे. छह जून को वहां का मौसम काफी खराब था. इसके बावजूद वह शाम को मुस्तैदी के साथ डियूटी पर जमे रहे. अॉक्सीजन की कमी के कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा. इससे उनकी मौत हो गयी.

बता दें कि शहीद अंबरीश मूलत: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में स्थित सहरोज गांव के रहने वाले थे. वर्ष 2000 में सेना ज्वाइन की थी. 15 साल के अपने करियर में सेना के कई महत्वपूर्ण मोर्चा पर काम किया. बैरकपुर सेना के कमांडिंग ऑफिसर जीसी लोहानी ने बताया कि गत एक साल से उनकी पोस्टिंग सियाचीन ग्लेशियर सीमा पर थी. उन्होंने 2001-2002 में जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम, अखनूर में सीज फयरिंग, 2010-2011 में कूपवाड़ा में काउंटर इनसरजेंसी के दौरान आतंकवादियों का मुकाबला किया था. इसके साथ दिल्ली, जलंधर, बीकानेर सहित कई स्थानों पर उनकी पोस्टिंग रही. सेना को इस बहादुर जवान की शहादत पर गर्व है. सेना की ओर से राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि गुरुवार की सुबह टीटागढ़ के राणी रासमणि घाट पर की गयी. बैरकपुर के सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. उनके परिवार में पत्नी ज्योत्सना राय, दो बेटियां ऐसानी और आराध्या हैं. बड़ी बेटी ऐसानी 10 वर्ष की और आराध्या चार साल की है.

पापा कहां जा रहे हैं, कब लौटेंगे…

अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाते समय चार साल की आराध्या रोते हुए सबसे पूछ रही थी पापा कहां जा रहे हैं, कब लौटेंगे? घर की महिलाएं उसे समझा रही थीं, लेकिन वह कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं थी. उसके नाना भोला शंकर तिवारी ने बताया कि छह जून की रात सियाचीन से अंबरीश की तबीयत खराब होने की जानकारी मिली. सात जून की सुबह उसके निधन की सूचना फोन पर दी गयी. भोला शंकर की सबसे छोटी बेटी ज्योत्सना के साथ अंबरीश की शादी 2005 में हुई थी. अंबरीश की मां फूल सुष्मा राय का निधन13 महीने पहले हुआ था. अंबरीश के पिता नारद राय हैं. अशाेक कुमार पांडेय ने बताया कि अंबरीश मई में कोलकाता आये थे. 19 मई को उनसे मुलाकात हुई थी. वह अब नहीं है, यह विश्वास ही नहीं होता. उनके निधन से मुझे गहरा सदमा लगा है.

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