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तृणमूल के जीतने पर कंपल्सरी वेटिंग में जा सकते हैं कई अधिकारी
कोलकाता: मतगणना का काउंटडाउन आरंभ हो चुका है. कुछ घंटों के बाद ही रिजल्ट सबके सामने होगा. हालांकि उससे पहले आये सभी एक्जिट पोल ने तृणमूल को ही फिर से विजेता के रूप में पेश किया है. इसके बावजूद आम लोग से लेकर सरकारी कर्मचारी तक सभी मतगणना के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं. […]
कोलकाता: मतगणना का काउंटडाउन आरंभ हो चुका है. कुछ घंटों के बाद ही रिजल्ट सबके सामने होगा. हालांकि उससे पहले आये सभी एक्जिट पोल ने तृणमूल को ही फिर से विजेता के रूप में पेश किया है. इसके बावजूद आम लोग से लेकर सरकारी कर्मचारी तक सभी मतगणना के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं.
राज्य सरकार के सचिवालय नवान्न में भी ऐसा ही हाल है. इस दौरान कुछ सरकारी अधिकारियों को यह कहते हुए पाये गये कि तृणमूल के सत्ता में आने पर नवान्न में कंपल्सरी वेटिंग नामक नया विभाग तैयार किया जायेगा. उस विभाग में किस-किस को जगह मिलेगी, कहते हैं कि उनके नामों की तालिका भी तैयार हो चुकी है. पिछली सरकार के एक मंत्री का कहना है कि हम लोग तो सत्ता में आ ही रहे हैं, पर जिन अधिकारियों ने कांग्रेस-वाम गंठबंधन की जीत के बारे में सोच कर हमारे साथ असहयोग किया था, उन्हें बैठा दिया जायेगा. जिन्होंने अच्छा काम किया है, उन्हें आगे लाया जायेगा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बीच कई अधिकारियों ने फाइलों को समेट भी लिया है. उन्होंने मान लिया है कि सरकार के गठन के बाद उन्हें नवान्न में नहीं रहने दिया जायेगा. चुनाव के दौरान अभी तक आयोग ने ऊपर से लेकर नीचे तक 65 अधिकारियों का तबादला किया है. उनमें से अधिकतर पर शासक दल के पक्ष में काम करने का आरोप था. कंपल्सरी वेटिंग होने पर उन अधिकारियों को प्रत्येक दिन पर्सनल एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म विभाग में हाजिर होना होगा. वह किसी भी विभाग में तैनात नहीं होंगे. काम किये बगैर ही उन्हें प्रत्येक महीने वेतन मिलेगा. पर कार समेत अन्य सुविधाओं से वे वंचित रहेंगे. कंपल्सरी वेटिंग की कोई समय-सीमा नहीं है. सरकार के गुस्से के शिकार ये अधिकारी अनिश्चितकाल के लिए ऐसे ही रह सकते हैं. केवल तृणमूल ही नहीं, वाममोरचा सरकार के समय भी कई अधिकारियों को सरकार के गुस्से का शिकार होकर कंपल्सरी वेटिंग में वक्त गुजारना पड़ा था, वहीं कई अधिकारी पुरस्कृत भी हुए थे.
कौन हो सकते हैं पुरस्कृत, किन पर गाज
नवान्न सूत्रों के अनुसार तृणमूल के सत्ता में दोबारा आने पर आइपीएस में से राजीव कुमार, प्रसून बनर्जी, तन्मय रायचौधरी, अर्नव घोष, भारती घोष आदि को अच्छे विभाग में अच्छे पद पर लाया जायेगा. वहीं, सोमेन मित्रा, जावेद शमीम, जयरामन, सीवी मुरलीधर आदि पर सरकार के गुस्से की गाज गिरने की आशंका है. आइएएस अधिकारियों में से पीबी सेलिम, संजय बंसल आदि को भी अच्छे विभाग में तबादला किये जाने की संभावना है. नवान्न सूत्रों के अनुसार हावड़ा के डीएम शुभांजन दास, दक्षिण 24 परगना के डीएम अवनिंद्र सिंह, उत्तर 24 परगना के डीएम मनमीत नंदा व अन्य कई अधिकारी मुख्यमंत्री के गुस्से का शिकार हो सकते हैं. इनके अलावा आैर भी कई डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों के कंपल्सरी वेटिंग में जाने की आशंका है.
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