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विरोध करने पर सरकार कहती है चुप रहो : विमान

कोलकाता: मध्यमग्राम दुष्कर्म कांड सहित कई मुद्दों पर माकपा की उत्तर 24 परगना जिला कमेटी की रैली और जनसभा में लोगों का हुजूम देखने को मिला. रैली कई इलाकों ने निकली. पहली सियालदह स्टेशन के निकट से जो मौलाली क्रॉसिंग, एसएन बनर्जी रोड, डोरिना क्रॉसिंग से होते हुए रानी रासमणि एवेन्यू स्थित सभास्थल पर पहुंची. […]

कोलकाता: मध्यमग्राम दुष्कर्म कांड सहित कई मुद्दों पर माकपा की उत्तर 24 परगना जिला कमेटी की रैली और जनसभा में लोगों का हुजूम देखने को मिला. रैली कई इलाकों ने निकली. पहली सियालदह स्टेशन के निकट से जो मौलाली क्रॉसिंग, एसएन बनर्जी रोड, डोरिना क्रॉसिंग से होते हुए रानी रासमणि एवेन्यू स्थित सभास्थल पर पहुंची. वहीं रामलीला मैदान के निकट से आदिवासी समुदाय के माकपा समर्थकों की रैली सभास्थल पहुंची.

तीसरी रैली आउट्राम रोड, जवाहरलाल नेहरू रोड से होते हुए पहुंची. जनसभा को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु, गौतम देव समेत कई आला माकपा नेताओं ने संबोधित किया. वाइ रोड, डोरिना क्रासिंग, रानी रासमणि एवेन्यू के निकट बड़े-बड़े वीडियो स्क्रीन लगाये गये. जनसभा के दौरान नेताओं ने कहा : महिला मुख्यमंत्री के शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराध में काफी इजाफा हुआ है. यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. वामपंथी नेताओं ने तृणमूल सरकार की जम कर खिंचाई की.

सभा में पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि राज्य में उत्सव के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये की वसूली की जा रही है. 10 लाख युवकों को रोजगार देने समेत तृणमूल सरकार के सारे दावे झूठे हैं. दस हजार लोगों को भी रोजगार नहीं मिला है. अल्पसंख्यक युवकों के नाम पर वोट बैंक की राजनीति की जा रही है. तृणमूल सरकार के ढाई वर्षो में राज्य में कोई भी नया कारखाना स्थापित नहीं हुआ है और पुराने उद्योगों पर भी खतरा बना हुआ है. वैसी स्थिति किसानों की भी बनी हुई है. ब्लॉक स्तर पर कोल्ड स्टोरेज नहीं बने. टास्क फोर्स नाममात्र का है.

तीसरा मोरचा है विकल्प : लोकसभा चुनाव में तीसरे मोरचे को देश का विकल्प बताते हुए नेताओं ने कहा : देश में फिर सांप्रदायिक शक्तियां एकजुट होने की कोशिश में हैं. इसका उदाहरण भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को बनाया जाना है. इधर, कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की नयी उदारवादी नीतियों से आम जनता त्रस्त हो गयी है. कमरतोड़ महंगाई, गैस का दाम दोगुना होना व नये-नये घोटाले संप्रग सरकार की नीतियों की देन है. तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में गुप्त समझौता है. नरेंद्र मोदी पर तृणमूल कांग्रेस कोई टिप्पणी नहीं करती. नरेंद्र मोदी का पीएम बनना खतरनाक होगा. यूपीए सरकार अपनी नीतियों के कारण सत्ता में फिर से वापस नहीं आयेगी.

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