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कार्रवाई और नोटिस पर भड़कीं सीएम ममता बनर्जी, कहा- जो किया, करती रहूंगी
विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव की स्थित पैदा हो गयी है. गुरुवार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में जहां आयोग ने सीएम को नोटिस जारी किया तो वहीं, ममता ने पलटवार करते हुए चुनाव आयोग को ही चुनौती दे दी. कोलकाता: चुनाव प्रचार के दौरान […]
विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव की स्थित पैदा हो गयी है. गुरुवार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में जहां आयोग ने सीएम को नोटिस जारी किया तो वहीं, ममता ने पलटवार करते हुए चुनाव आयोग को ही चुनौती दे दी.
कोलकाता: चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा मतदाताओं से आसनसोल को जिला बनाने का वादा करने से नाराज चुनाव आयोग ने गुरुवार को मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी से जवाब तलब किया. उधर, ममता ने पलटवार कर दिया. आयोग को खुली चुनौती देते हुए सीएम ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है. ऐसा हजार बार कहूंगी-करोड़ बार कहूंगी. आयोग को जो करना है, कर ले. इस बीच, लोकसभा की आचार समिति ने स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर रुपये लेते दिखाये गये तृणमूल के पांच सांसदों को नोटिस भेजा है.
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी अन्य चुनाव आयुक्तों के साथ गुरुवार को कोलकाता में थे. उन्होंने अधिकारियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कीं. बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में जैदी ने बताया कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्हें 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी ने बुधवार को आसनसोल में चुनावी सभा में आचार संहित का उल्लंघन किया था. उन्होंने आसनसोल को अलग जिला बनाने का वादा किया था. यह आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आता है.
इसके तुरंत बाद ममता ने बीरभूम जिले के मुरारई व सिउड़ी में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग पर करारा हमला बोल दिया और उसे खुली चुनौती दी. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग माकपा, कांग्रेस और भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से पहले कई अन्य नेताओं को गिरफ्तारी करना होगा तथा शोकॉज से वह नहीं डरती हैं. उन्होंने जो कहा है, हजार बार कहेंगी-करोड़ बार कहेंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग पार्टी नेता अनुब्रत की गिरफ्तारी करने की बात कह रहा है. अनुब्रत ने क्या किया है कि उसकी गिरफ्तारी की जायेगी. उसके साथ पूरे बीरभूम जिले की जनता है. उसकी गिरफ्तारी करने से पहले माकपा सांसद मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार करना होगा, जिसने खून की नदी बहाने की बात कही है. अनुब्रत की गिरफ्तारी से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की गिरफ्तारी क्यों नहीं होगी, माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती की गिरफ्तारी क्यों नहीं होगी? माकपा नेता बिमान बोस, पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की गिरफ्तारी क्यों नहीं होगी? अनुब्रत की गिरफ्तारी से पहले इन सबको गिरफ्तार करना होगा. ममता ने कहा कि उन्होंने सुना है कि चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ शोकॉज जारी किया है. उन्होंने जो कुछ भी कहा है, सोच समझ कर कहा है. उक्त बात को हजार बार कहेंगी तथा करोड़ बार कहेंगी. जिसको जो करना है, कर ले.
उन्होंने कहा कि वह भी मनुष्य हैं. चुनाव आयोग की एकतरफा कार्रवाई नहीं चल सकती है. उन्होंने काफी संयम बरता है. लेकिन अब वह चुनाव आयोग के खिलाफ मुंह खोल रही हैं. उन्होंने चुनाव आयोग को 40 पत्र लिखे, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन कामरेड, कांग्रेस व भाजपा के कुछ नेता जो कहते हैं, चुनाव आयोग वही करता है. कई पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया. पुलिस कमिश्नर का तबादला कर दिया गया. पुलिस कमिश्नर (राजीव कुमार) जैसा ईमानदार कोई पुलिस अधिकारी नहीं हो सकता है. उसे क्यों हटाया गया. तीन सौ-साढ़े तीन सौ थाना प्रभारियों को हटाया गया. दुर्गापुर में मतदान के ठीक पहले वहां के थानेदार को हटा दिया गया. सभी हमारे लोग हैं. पुलिस अधिकारियों को हटाया जा सकता है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस को तो नहीं हटाया जा सकता है. चुनाव में जनता अपने लोकतांत्रिक अधिकार से इन विपक्षियों को समेट कर पूरे राज्य से विदा दे देगी. उन्होंने कहा कि राज्य के लोग 19 मई को उससे (चुनाव आयोग) कारण पूछेंगे. 19 मई को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे आयेंगे.
राजनीतिक दलों से मिली हैं शिकायतें: मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बंगाल में प्रथम चरण के मतदान के बाद राजनीतिक दलों से कई शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है. अगले पांच चरणों की चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र व निष्पक्ष संपन्न कराने के लिए आयोग ने यहां केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. बाकी पांच चरणों के मतदान के दौरान 800 कंपनियां तैनात की जायेंगी. प्रथम चरण के मतदान के समय यहां 400 कंपनियां थीं. अब यहां और 400 कंपनियां असम से बुलायी जा रही हैं, जो बंगाल में मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक रहेंगी.
राज्य के डीजीपी को चुनाव आयोग ने लगायी फटकार: प्रथम चरण के चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा पर चुनाव आयोग ने राज्य के डीजीपी को फटकार लगायी है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि प्रथम चरण के मतदान के पहले व बाद दोनों ही समय यहां हिंसक घटनाएं हुई हैं. इस संबंध में उन्होंने डीजीपी को यहां जमीनी स्तर पर कानून व्यवस्था को सुधारने का निर्देश दिया है. कानून-व्यवस्था पर रोजाना रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने डीजीपी से किसी भी हिंसा पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. जिन-जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है, उनके खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी.
अनुब्रत मंडल के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई: तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के संबंध में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि उनके (अनुब्रत) खिलाफ बहुत जल्द कानूनी कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि आयोग द्वारा अनुब्रत मंडल को पहले ही सेंसर किया जा चुका है और उसके बाद एक बार फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होगी, इसकी जानकारी आपको शीघ्र दे दी जायेगी.
क्या कर सकता है चुनाव आयोग
स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग पर है
हर चुनाव से पहले आयोग राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के िलए आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू करता है, ताकि लोकतंत्र की गरिमा बरकरार रखी जा सके.
दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर आयोग चुनाव बाद चुने गये प्रतिनिधि की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश कर सकता है
यदि कोई प्रत्याशी चुनाव में गलत आचरण करने का दोषी पाया जाता है तो सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट चुनाव आयोग से मशविरा कर सकते हैं
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