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विधानसभा चुनाव : बिहारी संभाल रहे बंगाल इलेक्शन वार रूम की कमान

बंगाल विधानसभा इलेक्शन वार रूम की कमान बिहारियों के पास है. जनवरी से ही बिहारी नवयुवकों की एक टीम चुनाव आयोग के सॉफ्टवेयर व ऑनलाइन सेवाएं ‘समाधान’, ‘सुगम’, ‘सुविधा’ व ‘बीएमएस’(बेसिक मिनिमम फैसिलिटी) आदि का संचालन कर रही है और चुनाव के दौरान होनेवाली विभिन्न समस्याओं, आवेदनों और अपील का दो घंटे के अंदर समाधान […]

बंगाल विधानसभा इलेक्शन वार रूम की कमान बिहारियों के पास है. जनवरी से ही बिहारी नवयुवकों की एक टीम चुनाव आयोग के सॉफ्टवेयर व ऑनलाइन सेवाएं ‘समाधान’, ‘सुगम’, ‘सुविधा’ व ‘बीएमएस’(बेसिक मिनिमम फैसिलिटी) आदि का संचालन कर रही है और चुनाव के दौरान होनेवाली विभिन्न समस्याओं, आवेदनों और अपील का दो घंटे के अंदर समाधान कर रही है.
कोलकाता: बंगाल विधानसभा इलेक्शन के वार रूम की कमान बिहारियों के पास है. जनवरी से ही बिहारी नवयुवकों की एक टीम चुनाव आयोग के सॉफ्टवेयर व ऑनलाइन सेवाएं ‘समाधान’, ‘सुगम’, ‘सुविधा’ व ‘बीएमएस’(बेसिक मिनिमम फैसिलिटी) आदि का संचालन कर रही है और चुनाव के दौरान होनेवाली विभिन्न समस्याओं, आवेदनों और अपील का दो घंटे के अंदर समाधान कर रही है. बिहार चुनाव के सफलतापूर्वक कार्य के बाद चुनाव आयोग ने सॉफ्टवेयर की निर्माता बिहार की कंपनी सॉफ्टवेयर एजुकेशन एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड (एसइआर) को बंगाल चुनाव में इलेक्शन वार रूम संचालन का जिम्मा सौंपा है. बिहार की तुलना में अलग राजनीतिक और प्रशासनिक परिस्थिति के बावजूद एसइआर की टीम की कार्यदक्षता आम लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों को आकर्षित करने में सफल रही है. बिहार की कंपनी एसइआर का मुख्यालय पटना स्थित बोरिंग रोड के जेजे कांप्लेक्स में है.
कंपनी के प्रबंध निदेशक शिवहर जिले के निवासी
कंपनी के प्रबंध निदेशक शिवहर जिला के अभिराजपुर बैरिया गांव के संजीव शंकर हैं, जिन्हें कोलकाता में कार्यरत टीम अपना गुरु, आदर्श और संरक्षक मानती है. टीम के सदस्यों का कहना है कि संजीव सर बिना थके 24 घंटे काम कर सकते हैं. उनके काम की दक्षता उन लोगों की प्रेरणा है.
पटना में चुनाव कंट्रोल रूम
कोलकाता स्थित चुनाव आयोग कार्यालय में एसइअार की टीम के साथ-साथ पटना में भी समान रूप से निरंतर एक अलग टीम काम कर रही है. बंगाल चुनाव आयोग कार्यालय में सीतामढ़ी जिले के सोना खान गांव के निवासी रामायण कुमार सिंह बिहारी युवाओं की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में पटना के मनीष कुमार, नालंदा के प्रेम कुमार, पटना के नौवतपुर के चंदन कुमार तथा लक्खीसराय के अजय कुमार दिन-रात काम कर रहे हैं. टीम के सदस्यों में आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन भी होता रहता है.
असम, केरल व पांडिचेरी की भी कमान
टीम लीडर रामायण कुमार सिंह का कहना है कि केवल बंगाल में ही नहीं, वरन असम, केरल और पांडिचेरी के विधानसभा चुनाव में भी एसइआर की टीम काम कर रही है. तमिलनाडु में उनकी कंपनी सीधे काम नहीं कर रही है, लेकिन उनकी कंपनी कई सुविधाएं तमिलनाडु में काम कर रही दूसरी टीम को उपलब्ध करा रही है. उनका कहना है कि जिन राज्यों में चुनाव होते हैं, उनकी जरूरत के अनुसार सॉफ्टवेयर में परिवर्तन किया जाता है तथा उन्हें एप्लॉय किया जाता है. बिहार चुनाव के दौरान अलग जरूरत थी और बंगाल चुनाव की कई अलग जरूरतें हैं. उनके अनुसार सॉफ्टवेयरों की रिमॉडलिंग की गयी है. उनके सॉफ्टवेयर किसी भी स्थिति व समस्या का समाधान करने में सक्षम हैं.

उन्होंने बताया कि बिहार चुनाव के दौरान बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील गुप्ता बिहार गये थे. उस दौरान सॉफ्टवेयर की कार्यदक्षता से प्रभावित हुए और उन लोगों की कंपनी को बंगाल चुनाव संचालन का दायित्व दिया गया. बंगाल चुनाव में चुनाव आयोग की ऑनलाइन सेवाएं ‘समाधान’, ‘सुगम’, ‘सुविधा’ व ‘बीएमएस’ आदि का बंगाल चुनाव में भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. श्री सिंह का कहना है कि उन्होंने बिहार विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की है, लेकिन टीम के ज्यादातर सदस्यों के पास एमसीए की डिग्री है. सबसे प्रशंसनीय बात यह है कि कोलकाता में फिलहाल कार्यरत टीम के सदस्यों ने इग्नू से एमसीए की डिग्री हासिल की है.

टीम के सदस्यों को बिहारी होने का गर्व
कार्यरत टीम के सदस्यों का कहना है कि उन्हें गर्व है कि वे लोग बिहार के हैं और बिहार की कंपनी की एक टीम केवल बंगाल ही नहीं, वरन देश के राज्यों के चुनाव के वार रूम को संभाल रही है. जब अपने कार्यदक्षता के संबंध में लोगों की प्रशंसा मिलती है, तो काम करने की ऊर्जा और भी बढ़ जाती है. श्री सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी एसइआर बिहार सरकार की कई परियोजनाओं जैसे ‘राइट टू सर्विस’, ‘मध्यान्ह भोजन’, ‘बिहार राज्य पुल निर्माण निगम’ ‘ सड़क निर्माण विभाग’ आदि कई विभागों में सॉफ्टवेयर की सेवाएं दे रही है. टीम के सदस्य स्वीकार करते हैं कि बिहार की तुलना में बंगाल में चुनाव को लेकर शिकायतें लगभग 50 फीसदी अधिक हैं और राजनीतिक परिस्थितियां भी भिन्न हैं, लेकिन बंगाल के लोग काफी मददगार हैं और चुनाव आयोग के अधिकारियों से भी उन लोगों को काफी सहयोग मिल रहा है. इससे काम करने के प्रति उनका उत्साह और भी बढ़ जाता है. वास्तव में बिहार और बंगाल अब एक ही जैसा लगता है. बिहारी युवकों की यह टीम सुबह नौ बजे चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंच जाती है और देर शाम तक तब-तक जुटी रहती है, जब- तक उस दिन का काम समाप्त नहीं हो जाये.
होली में नहीं गये घर, लिया दोल का आनंद
श्री सिंह बताते हैं : होली हम बिहारियों के लिए एक बड़ा त्योहार होता है, लेकिन होली में भी वे लोग घर नहीं गये थे और कोलकाता में ही रहे और कोलकाता के ‘दोल’ का आनंद उठाया था, क्योंकि उन लोगों के सामने फिलहाल बंगाल चुनाव का मिशन है. जब तक उन लोगों का मिशन पूरा नहीं हो जाता है, वे लोग एक क्षण के लिए आराम नहीं लेंगे. इधर चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य विधानसभा चुनाव में और 400 कंपनी केंद्रीय बल राज्य में आयेगी. सूत्रों के मुताबिक यह केंद्रीय बल असम से आयेगा. उल्लेखनीय है कि पहले चरण के मतदान के बाद विपक्षी दलों ने हिंसा और वोट लूट का आरोप लगाया था.
चुनाव आयोग के पास इसकी शिकायत भी की गयी. कांग्रेस द्वारा प्रदर्शन भी देखने को मिला. आरोप यह भी लगाया गया कि केंद्रीय बल के जवान इधर-उधर घूम रहे थे. केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा इसके बाद ही अतिरिक्त केंद्रीय बल भेजने का फैसला किया गया.

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