जे कुंदन, हावड़ा
बाली विधानसभा क्षेत्र की तृणमूल उम्मीदवार बैशाली डालमिया के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में उस समय हंगामा मच गया, जब मंच पर चढ़ने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच झड़प हो गयी. यह घटना मंच के ठीक सामने उस समय घटी, जब मंच पर खुद मंत्री अरूप राय, मंत्री राजीव बनर्जी, उम्मीदवार बैशाली डालमिया, पूर्व विधायक सुल्तान सिंह सहित कई तृणमूल नेता उपस्थित थे.
मंच के सामने तृणमूल कार्यकर्ताओं को झगड़ते देख मंत्री अरूप राय व मंत्री राजीव बनर्जी भी तिलमिला उठे. देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गयी. हालत बेकाबू होते देख दोनों मंत्री अपनी-अपनी कुरसी से उठे व माइक हाथों में लेकर कार्यकर्ताओं को डांटते हुए चुप रहने की चेतावनी दी. सम्मेलन में पहले से मौजूद चुनाव आयोग के कैमरामैन व स्थानीय फोटोग्राफर जब इस घटना को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे, तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उन सबों के साथ भी धक्का-मुक्की की व फोटो नहीं लेने दिया. मंगलवार शाम बाली तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस कर्मी सम्मेलन का आयोजन किया गया था. सम्मेलल में लोगों की भीड़ भी उमड़ी थी. शाम को लगभग पांच बजे बताया जा रहा है कि स्थानीय नेता भास्कर गोपाल चटर्जी मंच पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मंच पर जाने से रोक दिया.
यहीं से बहस शुरू हुई. बहस हाथापाई तक पहुंची. मंच के सामने अपने ही कार्यकर्ताओं को लड़ते-झगड़ते देख मंत्री व प्रत्याशी बैशीली भी बौखला उठीं. चश्मदीद के अनुसार, दो गुटों के बीच हुई इस हाथापाई में नगर निगम का एक पार्षद (बाली अंचल) भी शामिल है. हालांकि हालात बेकाबू होने के पहले ही मंत्री अरूप राय व मंत्री राजीव बनर्जी ने स्थिति को संभाल लिया. उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही बाली की उम्मीदवार बैशाली डालमिया के सामने ही तृणमूल के दो गुट आपस में भिड़ गये थे.
आपसी गुटबाजी व मारपीट की बात गलत है. बैठने की जगह कम हो गयी थी. लोगों की भीड़ काफी अधिक बढ़ गयी थी. बैठने को लेकर आपस में तू-तू, मैं-मैं हुई थी. दोनों मंत्रियों ने बखूबी स्थिति को काबू में कर लिया.
बैशाली डालमिया, उम्मीदवार
झड़प व मारपीट की घटना गलत है. तृणमूल कांग्रेस एक बड़ा परिवार है. आपसी नोक झोक व बहस हो ही सकती है. परिवार में भी ऐसा होता है. गुटबाजी की बात पूरी तरह गलत व बेबुनियाद है.
अरूप राय, मंत्री व जिलाध्यक्ष(सदर)