विकलांग होने के बावजूद सामाजिक दायित्व का पालन करते हैं रामसूरत
जलपाईगुड़ी : विकलांग युवक रामसूरत माझी (31) व रंजीता माझी (27) ने विवाह कर नयी मिसाल पेश की. शनिवार रात को नागराकाटा के टंडु गांव में दोनों की शादी हुई. विकलांग होने के कारण रामसूरत की अब तक शादी नहीं हुई थी.
पड़ोस के गांव की लड़की रंजीता ने अपनी इच्छा से रामसूरत से शादी की. रंजीता नागराकाटा के गाठिया चाय बागान की रहनेवाली है. वह बचपन से टंडु स्थित अपने मौसी के घर रहती थी. उसने छठीं कक्षा तक पढ़ाई की है.
रामसूरत नागराकाटा के गाठिया चाय बागान के सुंदरी लाइन का रहनेवाला है. रामसूरत पूरी तरह विकलांग है. ट्राई साइकिल में बिठाने के लिए भी दो लोगों की मदद लगती है. रामसूरत डुवार्स-तराई विकलांग कल्याण समिति के सचिव है. विकलांग युवाओं को मदद करना उनका मुख्य काम है.
रामसूरत की मां लक्ष्मी माझी ने कहा कि बेटा विकलांग होने के कारण उसके लिए लड़की नहीं मिल रही थी. रंजीता की पहल पर रामसूरत की शादी होने से उनकी मां ने राहत की सांस ली. रंजीता का कहना है विकलांग होने के बावजूद सामाजिक दायित्व पालन करते देख उसने रामसूरत को मन ही मन पसंद कर लिया था और शादी का फैसला किया. रामसूरत नौंवी पास है. रंजीता ने कहा कि इस शादी से दोनों परिवार खुश हैं.