कोलकाता: मेडिकल साइंस की सफलता ने चिकित्सकों को भगवान का दर्जा प्रदान किया है. पर, कुछ डॉक्टरों की लापरवाही इस छवि को धूमिल कर देती है. महानगर के एक निजी अस्पताल में कुछ ऐसा ही हुआ. परिजनों के अनुसार चिकित्सकीय लापरवाही के कारण मरीज की मौत हुई है. शुक्रवार को फूलबागान थाना अंतर्गत एक निजी अस्पताल में इस घटना को लेकर मरीज के परिजनों ने हंगामा किया. इस मामले में स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
मृतक का नाम चंचल मजूमदार (51) बताया गया है. वह उत्तर 24 परगना जिले के इच्छापुर का रहनेवाला था. इस संबंध में मृतक के एक परिजन अभिजित हालदार ने बताया कि 18 अप्रैल को चंचल को उक्त अस्पताल में भरती कराया गया था. उसके स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगी थी. मरीज की इलाज डॉ चिन्मय नाथ कर रहे थे. इलाज कर रहे डॉक्टर ने मरीज को माइक्रो सजर्री करवाने की सलाह दी. इसके लिए डॉक्टर ने उसके परिजनों से लगभग 85 हजार रुपये जमा करवाने को कहा. ऑपरेशन से पहले 70 हजार रुपये जमा करने को कहा गया.
21 अप्रैल को चंचल को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया. ऑपरेशन सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक चला. ऑपरेशन के बाद डॉ नाथ ने बताया कि ऑपरेशन करने के दौरान भूलवस मरीज की धमनी कट गयी थी, जिससे काफी रक्त बहने के कारण वह कोमा में चला गया है. इसके बाद मरीज को लगभग एक महीने अस्पताल में भरती रखा गया. इस दौरान लगभग 12 बार उसका विभिन्न तरह का ऑपरेशन हुआ. इस कड़ी में मरीज के एक पैर को भी काट कर शरीर से अलग कर दिया गया.
इस दौरान चंचल को लगभग 138 यूनिट रक्त चढ़ाया गया. दो दिन पहले चंचल के परिजनों को बताया गया कि मरीज की दोनों आंखें खराब हो गयी हैं. शुक्रवार सुबह 7.10 बजे उसकी मौत हो गयी. इससे गुस्साये परिजनों व अस्पताल में हंगामा किया. इस मामले में फूलबागान थाने में उक्त चिकित्सक व अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. छानबीन के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया जायेगा. अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.