2012 में इस परियोजना का शिलान्यास किया गया और उसके बाद योजना के संबंध में विज्ञापन देकर सारधा कंपनी ने बाजार से करोड़ों रुपये उठाये. लेकिन यहां कोई काम नहीं हुआ. हालांकि कांथी नगरपालिका ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. इस योजना को मंजूरी देने के लिए रुपयों का लेन-देन हुआ था या नहीं, इस संबंध में पूछताछ करने के लिए सीबीआइ ने सौमेंदु अधिकारी को तलब किया है.
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सारधा घोटाला: कांथी पालिका के चेयरमैन को सीबीआइ ने किया तलब
कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले में एक के बाद एक तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का नाम सामने आ रहा है. मामले में पूछताछ के लिए सीबीआइ ने अब सांसद शिशिर अधिकारी के पुत्र व कांथी नगरपालिका के चेयरमैन सौमेंदु अधिकारी को तलब किया है. उन्हें 19 जनवरी को सीबीआइ कार्यालय में पेश होने के िलए कहा […]
कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले में एक के बाद एक तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का नाम सामने आ रहा है. मामले में पूछताछ के लिए सीबीआइ ने अब सांसद शिशिर अधिकारी के पुत्र व कांथी नगरपालिका के चेयरमैन सौमेंदु अधिकारी को तलब किया है. उन्हें 19 जनवरी को सीबीआइ कार्यालय में पेश होने के िलए कहा गया है. इस संबंध में सीबीआइ का पत्र कांथी नगरपालिका पहुंच चुका है. हालांकि पालिका चेयरमैन सौमेंदु अधिकारी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
गौरतलब है कि कांथी के दीघा बाइपास पर 2008 में सारधा ने 15 एकड़ जमीन पर आवासीय प्रोजेक्ट तैयार करने की योजना बनायी थी. यहां 300 से भी अधिक फ्लैट बनाने की योजना थी.
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