कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज कहा कि चिट फंड घोटाले में किसी केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच के लिए अंतरिम आदेश देने के अनुरोध पर उचित स्तर पर विचार किया जाए. न्यायालय ने इसके साथ ही इस घोटाले की सीबीआई जांच के लिये दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 5 जून की तारीख मुकर्रर की. न्यायमूर्ति ए के बनर्जी और न्यायमूर्ति एम के चौधरी की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि सीबीआई जांच के अनुरोध पर आदेश देने का स्तर अभी नहीं आया है और इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला लिया जाएगा.
घोटाले में किसी केंद्रीय एजेंसी को जांच शुरु करने का निर्देश देने के लिए अंतरिम आदेश जारी करने की एक याचिकाकर्ता की प्रार्थना पर पीठ ने कहा कि मामला सुनवाई के शुरुआती स्तर पर है और इस पर उचित स्तर पर विचार किया जाएगा. पीठ ने इस अनुरोध को खारिज नहीं किया. पीठ ने मामले की जांच कर रही बिधाननगर पुलिस को निर्देश दिया कि प्रवर्तन निदेशालय को सभी कागजात मुहैया कराए जाएं. केंद्र सरकार की ओर से वकील भास्कर वैश्य ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय सारदा समूह के मुद्दे की जांच धन शोधन कानून के तहत करना चाहता है क्योंकि उसके द्वारा एकत्रित धन के दुरुपयोग के अनेक आरोप लगे हैं.
वैश्य ने अदालत में दावा किया कि बिधाननगर पुलिस प्रवर्तन निदेशालय के साथ सहयोग नहीं कर रही और उसने मामलों से जुड़े दस्तावेज दिखाने से मना कर दिया है. सारदा समूह का चेयरमैन सुदीप्तो सेन बिधाननगर पुलिस की हिरासत में है. उच्च न्यायालय में शनिवार से ग्रीष्मावकाश शुरु होने के कारण अब अदालत के फिर से खुलने पर ही 5 जून को मामले में सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्र और न्यायमूर्ति जयमाल्यो बागची की पीठ द्वारा इस मामले को छोड़ देने के बाद इसे न्यायमूर्ति बनर्जी और न्यायमूर्ति चौधरी की पीठ को सौंपा गया है.