कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से निलंबित की गयीं पार्टी विधायक शिखा मित्र ने मंगलवार को विधायक पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया. उन्होंने सवाल किया कि विवादों में फंसे पार्टी के अन्य नेताओं जैसे अनुव्रत मंडल के साथ भी तृणमूल नेतृत्व ने ऐसा व्यवहार क्यों नहीं किया?विधानसभा की लॉबी में मित्र ने संवाददाताओं से कहा कि यदि उन्होंने कोई पार्टी विरोधी कार्य किया है तो ऐसा पार्टी में कई लोग कर रहे हैं.
हाल ही में पार्टी के एक नेता अनुव्रत मंडल द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ काटने की धमकी देना क्या पार्टी–विरोधी कार्य नहीं है? या फिर माकपा की तुलना संपोले से करने वाले नेता राज्य के खाद्य मंत्री ज्योति प्रिय मल्लिक का बयान पार्टी–विरोधी नहीं है? उन्होंने आरोप लगाया कि इन नेताओं की ऐसी टिप्पणियों के बावजूद विभिन्न बैठकों में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मंच साझा किया.
उनका दावा किया कि उन्हें पार्टी की ओर से अभी तक कोई निलंबन पत्र नहीं मिला है. मित्र का कहना है कि पार्टी विरोधी कार्यो के लिए यदि मैंने निलंबन की बात सुनी भी है तो, वह भी मीडिया के माध्यम से ही. मैं अपना काम करती रहूंगी. उन्होंने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगी. उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने चुना है.