सुनवाई शुरू नहीं हो पाने के कारण उसे कोर्ट लॉकअप में रखा गया था. अचानक लॉकअप में लगे लोहे के रॉड से सिर टकराकर सिर फोड़ लेने की घटना के बाद से अदालत परिसर में खलबली मच गयी. कुंडू अदालत में बने लॉकअप में ही सोमवार से आमरण अनशन पर बैठ गये हैं. कुंडू ने जलपाईगुड़ी जेल प्रबंधन पर शारीरिक एवं मानसिक अत्याचार का आरोप लगाया. उसने कहा कि जेल प्रबंधन द्वारा उसे परेशान किया जा रहा है. जेल में चोर एवं डकैतों के साथ उसे रखा जा रहा है. वह कोई चोर-डकैत नहीं, बल्कि एक उद्योगपति है. इसी के विरोध में उसने अपना सिर फोड़ लिया है और आमरण अनशन की शुरूआत कर दी है.
संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में कुंडू ने आगे कहा कि वह मर भी जाते हैं तो किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है, लेकिन उनके मरने के बाद निवेशकों का पैसा कौन लौटायेगा. उसने साफ-साफ कहा कि वह गरीब लोगों का रुपया लौटाना चाहता है. रोज वैली के तीन हजार बैंक खातों को सील कर दिया गया है. इसी वजह से पैसे लौटाने में परेशानी हो रही है. रोज वैली के पास आठ से दस हजार करोड़ रुपये की संपत्ति है. उनकी कंपनी की देनदारी मात्र तीन हजार करोड़ रुपये की है. उसने दावा करते हुए कहा कि यदि उसे तीन दिनों का समय मिल जाता है, तो वह निवेशकों के सारे रुपये लौटा देगा. उल्लेखनीय है कि जलपाईगुड़ी के सुनील कुमार मजूमदार नामक एक निवेशक की शिकायत पर गौतम कुंडू की गिरफ्तारी हुई है. इसी मामले में उसे कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था. सुनील कुमार मजूमदार ने अपनी शिकायत में दो लाख 60 हजार रुपये नहीं लौटाने का आरोप रोज वैली पर लगाया था.
उनकी शिकायत के आधार पर जलपाईगुड़ी कोतवाली पुलिस ने गौतम कुंडू के खिलाफ धारा 219 तथा 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. इसके अलावा सेबी, इडी तथा सीबीआइ आदि जैसी एजेंसियों ने भी गौतम कुंडू के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. आज अदालत में रोज वैली की एक एजेंट जैनुल हक ने बताया कि रोज वैली के एजेंटों की संख्या जिले में 20 हजार से अधिक है. इन एजेंटों ने निवेशकों से दस करोड़ रुपये से भी अधिक का निवेश कंपनी में कराया है. कंपनी का बैंक एकाउंट सील होने की वजह से निवेशकों के रुपये वापस नहीं लौटाये जा पा रहे हैं. रोज वैली के एजेंटों ने गौतम कुंडू का साथ दिया है. इन एजेंटों का कहना है कि वह लोग गौतम कुंडू के समर्थन में शीघ्र ही अनशन शुरू करेंगे.