कोलकाता. राज्य व केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 113 वामपंथी संगठनों को मिला कर बनाये गये बंगाल प्लेटफार्म ऑफ मास आर्गेनाइजेशन (बीपीएमओ) के बैनर तले राज्यभर में आंदोलन चलाया जा रहा है. शुक्रवार को पश्चिम मेदिनीपुर के नारायणगढ़ में बीपीएमओ की रैली के दौरान हमला किये जाने की घटना घटी. हमलावरों का निशाना रैली […]
कोलकाता. राज्य व केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 113 वामपंथी संगठनों को मिला कर बनाये गये बंगाल प्लेटफार्म ऑफ मास आर्गेनाइजेशन (बीपीएमओ) के बैनर तले राज्यभर में आंदोलन चलाया जा रहा है. शुक्रवार को पश्चिम मेदिनीपुर के नारायणगढ़ में बीपीएमओ की रैली के दौरान हमला किये जाने की घटना घटी.
हमलावरों का निशाना रैली का नेतृत्व करने वाले माकपा राज्य कमेटी के सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा समेत अन्य वामपंथी नेता व कार्यकर्ता बने. विधानसभा में विपक्ष के नेता से धक्का-मुक्की की गयी और उन्हें वापस लौटने की बात कही गयी. माकपा की ओर से आरोप लगाया गया है कि हमला करने वाले तृणमूल कार्यकर्ता थे. उन्होंने पूरी घटना के दौरान पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाया है.
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की सुबह करीब दस बजे नारायगढ़ के नरमा इलाके से विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्रा के नेतृत्व में एक रैली निकाली गयी. रैली मदनमोहन चौक स्थित सभा स्थल की ओर बढ़ रही थी. जैसे ही रैली सभा स्थल के निकट पहुंची कुछ अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया. हमलावरों के सिर पर काली पट्टी बंधी हुई थी.
वे ‘गो बैक’ यानी ‘वापस जाओ’ का नारा लगाते हुए आये थे. हमलावरों का विरोध करने पर सूर्यकांत मिश्रा, जिला के माकपा सचिव तरुण राय, जोनल कमेटी के सचिव मदन बसु, भाकपा नेता डी सिंह समेत कई वामपंथी नेताओं को घेर लिया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार व धक्का-मुक्की की गयी. इधर वामपंथी कार्यकर्ताओं के आगे आने पर कुछ लोगों के साथ मारपीट भी की गयी. इधर सभा स्थल के ठीक पास तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से पथावरोध भी किया गया था. आरोप के अनुसार कई वामपंथी कार्यकर्ताओं को सभा स्थल से जाने में बाधा दी गयी, विरोध करने पर उनसे मारपीट भी की गयी. इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए माकपा नेता डाॅ सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि रैली व सभा की जानकारी स्थानीय पुलिस थाने को पहले ही दी गयी थी.
सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे. आरोप के अनुसार रैली पर हमला किये जाने की घटना के बाद ही पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. ऐसी घटनाएं विपक्षी दलों के दमन की कोशिश है. सत्तारूढ़ दल द्वारा दबाये जाने के बावजूद जनहित के लिए वामपंथी आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे. इधर तृणमूल कांग्रेस की ओर से कहा गया कि उक्त घटना से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. रैली का विरोध स्थानीय गांव के लोगों ने ही किया था. लोग वामपंथी नीतियों को स्वीकारना नहीं चाहते हैं.
सूर्यकांत पर हमला निंदनीय
सूर्यकांत पर हमला जैसे घृणित कार्य महज विपक्षी दलों को दबाने की कोशिश के तहत किया गया. उपरोक्त घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के तानाशाह रवैये को दर्शाता है. यह आरोप राज्य में वाम मोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने शुक्रवार को लगाया. उन्होंने घटना की निंदा करते हुए आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है. भाकपा के राज्य सचिव प्रबोध पांडा ने कहा कि राज्य में अराजकता की स्थिति व्याप्त है और लोकतंत्र पर हमले जारी हैं. इसका अंदाजा नारायणगढ़ में हुई घटना से लगाया जा सकता है. डॉ सूर्यकांत मिश्रा समेत वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले की जितनी भी निंदा की जाये, कम है. एसयूसीआइ के राज्य सचिव सोमेन बसु ने घटना पीछे तृणमूल के गुडों का हाथ बताया और घटना के खिलाफ तमाम लोगों को एकजुट होकर व्यापक आंदोलन का अाह्वान किया. भाकपा (माले) के नेता कार्तिक पाल ने घटना की निष्पक्ष जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है.