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दशलक्षण पर्व के पांचवें दिन हुई धूमधाम से पूजा

कोलकाता. दिगम्बर जैन धर्म के चल रहे 10 दिवसीय पवित्र दसलक्षण पर्व के पांचवें दिन मंगलवार को उत्तम शौच की पूजा हुई. प्रत्येक दिन की तरह इस दिन भी सभी जैन मंदिरों में काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. दिगम्बर जैन धर्म के अनुसार ”उत्तम शौच लोभ परिहारी, संतोषी गुण रतन भंडारी.” -अर्थात्‌ जिस […]

कोलकाता. दिगम्बर जैन धर्म के चल रहे 10 दिवसीय पवित्र दसलक्षण पर्व के पांचवें दिन मंगलवार को उत्तम शौच की पूजा हुई. प्रत्येक दिन की तरह इस दिन भी सभी जैन मंदिरों में काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. दिगम्बर जैन धर्म के अनुसार ”उत्तम शौच लोभ परिहारी, संतोषी गुण रतन भंडारी.” -अर्थात्‌ जिस व्यक्ति ने अपने मन को निर्लोभी बना लिया है, संतोष धारण कर लिया है, उसका जीवन परम शांति को उपलब्ध हो जाता है. शौच का जीवन में बहुत महत्व है. शौच अर्थात शुचिता, शुद्धता, शुद्धि, विशुद्धता, पवित्रता और निर्मलता. शौच का अर्थ शरीर और मन की बाहरी और आंतरिक पवित्रता से है. शौच का अर्थ मलिनता को बाहर निकालना भी है. शौच के दो प्रकार हैं- बाह्य और आभ्यंतर. बाह्य का अर्थ बाहरी शुद्धि से है और आभ्यंतर का अर्थ आंतरिक अर्थात मन वचन और कर्म की शुद्धि से है.

जब व्यक्ति शरीर, मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहता है तब उसे स्वास्थ्‍य और सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिलना शुरू हो जाता है. शुचिता अर्थात पवित्रता का नाम ही शौच धर्म है, जिसके हृदय से मलिनता निकल जाती है, उसका जीवन स्वच्छ निर्मल एवं पवित्र हो जाता है. यह पवित्रता संतोष के माध्यम से एक साथ आती है. मंगलवार को बड़ाबाज़ार इलाके के पुरानी बाड़ी दिगम्बर जैन मंदिर में सुबह करीब 6 बजे कलश और पूजा प्रक्षाल के बाद पूजा शुरू हुई जो करीब 10 बजे तक चली. मंदिर में सैकड़ों की संख्या में मौजूद महिला और पुरुष केशरिया वस्त्र पहन कर मग्न होकर जहां पूजा करते थे, वहीं बीच-बीच में काफी हर्ष और उत्साह के साथ भगवन के भजन भी गा रहे थे.

काफी बड़ी संख्या में युवक युवतियों के साथ बच्चे भी मौजूद थे, जो यह दर्शाता है कि आज के आधुनिक जीवन में भी जैन धर्म की महत्ता दिनों दिन बढ़ रही है. पुरानी बाड़ी मंदिर में पूजा करने के लिये पवन गदिया, सुभाष छाबड़ा, प्रकाश गदिया, पवन ठोल्या, प्रकाश कश्लीवाल, सुशील छाबड़ा, प्रकाश ठोल्या, अतुल जैन, आकाश टोंग्या, नितिन ठोल्या, अविनाश धगड़ा, महेंद्र छाबड़ा, अरविंद गोधा, सुशीला छाबड़ा, मीना छाबड़ा, उषा पाटनी, विनीता जैन,कुसुम पहाड़िया, जयश्री ठोल्या, आशा ठोल्या, हेमा पहाड़िया समेत सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. बंगाल दिगम्बर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा के सूचना और प्रसारण मंत्री ललित सरावगी ने बताया कि 23 सितंबर को संयम धर्म की पूजा होगी और सुगंध दशमी भी मनायी जायेगी.

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