यूरोपीय व बंगाली निर्माण कला के संगम इन पुरानी इमारतों के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता अमित चौधरी द्वारा शुरू किये गये आवाज डॉट ओआरजी नामक इस ऑनलाइन अभियान को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. अब तक सैकड़ों लोग इस अभियान में शामिल हो चुके हैं. श्री चौधरी का कहना है कि यह अभियान केवल कोलकाता की विरासत की हिफाजत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका दायरा उससे काफी बढ़ कर है. श्री चौधरी का कहना है कि वह महानगर की इन पुरानी इमारतों के प्रशंसक हैं.
यह केवल औपनिवेशिक विरासत की पहचान नहीं है, बल्कि शहर भर में ऐसे काफी निर्माण हैं, जिन्हें अतीत में शिक्षित मध्यम वर्ग ने तैयार करवाया था. यह शानदार वास्तुकला कोलकाता की तसवीर को एक नया रूप देते हैं. 90 के दशक में रियल इस्टेट व्यवसाय में आये उछाल के बाद प्रमोटरों की नजर इन पुरानी इमारतों पर पड़ीं. उन्हें इसके शानदार वास्तुकला से नहीं, बल्कि मुनाफा कमाना से मतलब था. इसलिए उन्होंने बेदर्दी के साथ इन इमारतों को ढाह कर बहुमंजिली इमारतों का निर्माण करवाना शुरू कर दिया. श्री चौधरी का कहना है कि हेरिटेज इमारतों की रक्षा के लिए महानगर में कोई उपयुक्त कानून भी नहीं है.