कोलकाता: प्रस्तावित ज्योति बसु सेंटर फॉर सोशल स्टडीज एंड रिसर्च के निर्माण के लिए राजारहाट-न्यूटाउन में जमीन आवंटन को लेकर मौजूदा राज्य सरकार जैसे बहाना बना रही है. पूर्व वाम मोरचा सरकार के सत्ता में रहने के दौरान इस योजना के तहत न्यूटाउन के एक्शन एरिया-2 में करीब पांच एकड़ जमीन आवंटित किये जाने की बात तय की गयी थी. तृणमूल के सत्ता में आने के बाद इस परियोजना की जैसे अनदेखी की जा रही है. यह आरोप माकपा के आला नेता रॉबिन देव ने मंगलवार को लगाया.
मुजफ्फर अहमद भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री देव ने कहा कि ज्योति बसु सेंटर फॉर सोशल स्टडीज एंड रिसर्च निर्माण परियोजना की स्वीकृति वर्ष 2011 में ही मिल गयी थी. जल्द जमीन आवंटित किये जाने के मुद्दे को लेकर विगत वर्ष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से वामपंथी नेताओं ने मुलाकात भी की थी. उसके बाद कहा गया कि न्यू टाउन के एक्शन एरिया-2 में जमीन आवंटित किया जाना संभव नहीं है, क्योंकि वहां कोई कानूनी मामला चल रहा है.
इस बाबत न्यूटाउन के एक्शन एरिया-3 में जमीन आवंटन का प्रस्ताव दिया गया. कथित तौर पर श्री देव ने कहा कि जहां जमीन दिखायी गयी थी वह जलमग्न इलाका है और जमीन पांच एकड़ से भी कम थी. आरोप के मुताबिक तृणमूल सरकार प्रस्तावित ज्योति बसु सेंटर फॉर सोशल स्टडीज एंड रिसर्च निर्माण के लिए भूमि का आवंटन करना ही नहीं चाहती है. यदि न्यूटाउन एरिया-2 स्थित जमीन को लेकर कानूनी मामला चल रहा है, तो संबंधित दस्तावेज सरकार क्यों नहीं दिखा रही है? संबंधित दस्तावेज दिखाने की मांग करने पर आधिकारिक तौर पर आवेदन पत्र देने की बात कही गयी है. श्री देव ने कहा कि इस परियोजना के लिए वे कुछ समय तक इंतजार करेंगे, यदि सरकार इसके बारे में उचित कदम नहीं उठाती है तो अगली रणनीति तय की जायेगी.