कोलकाता. काशीपुर मां सर्व मंगला मंदिर के प्रांगण में कथा व्यास पं सुधाकार मिश्र ने कथा के तीसरे दिन प्रवचन में नवरात्र पूजन में नव कन्याओं के पूजन की महिमा का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि दो वर्ष कन्या कुमारी कहलाती है इसका पूजन करने से दुख व दरिद्रता का नाश होता है. दैवी शत्रुओं का क्षय और धन आयु व बल में वृद्धि होती है. तीन वर्ष की त्रिमूर्ति नाम की कन्या का पूजन करने से धर्म,अर्थ व काम की पूर्ति होती है. चार वर्ष की कल्याणी नामक कन्या राज सुख विजय प्रदान करती है. शत्रुओं की नाश करनेवाली पांच वर्ष की कन्या कालिका कहलाती है. धन व ऐश्वर्य देनेवाली छह वर्ष की कन्या चण्डिका कहलाती है. सम्मोहन व संग्राम विजय के लिए सात वर्ष की कन्या शाम्वबी व शत्रु विनाश के लिए आठ वर्ष की कन्या को दुर्गा व मनोरथ सिद्ध करने के लिए नौ वर्ष की कन्या सुभद्रा की पूजा करनी चाहिए. इस कार्यक्रम का आयोजन आचार्य दिवाकर मिश्र के नेतृत्व में किया जा रहा है. आचार्य दिवाकर मिश्र ने कहा कि हम हर साल इस कार्यक्रम का आयोजन करते है. इस कथा को सुन कर लोगों के जीवन में शांति आती है. कार्यक्रम में प. प्रमोद मिश्र, पं. गिरजा प्रसाद मिश्र, पं चंद्र प्रकाश मिश्र, पं. दया शंकर पांडेय, पं ओम प्रकाश तिवारी, पं. किशन गिरी एवं अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.
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श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन
कोलकाता. काशीपुर मां सर्व मंगला मंदिर के प्रांगण में कथा व्यास पं सुधाकार मिश्र ने कथा के तीसरे दिन प्रवचन में नवरात्र पूजन में नव कन्याओं के पूजन की महिमा का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि दो वर्ष कन्या कुमारी कहलाती है इसका पूजन करने से दुख व दरिद्रता का नाश होता है. दैवी शत्रुओं […]
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