जानकारी के मुताबिक रैली मंगलवार को अपराह्न करीब दो बजे कॉलेज स्क्वायर से निकाली गयी जो महानगर के विभिन्न मार्गो से गुजरते हुए धर्मतल्ला के वाइ चैनल के निकट समाप्त हुई जहां एक विरोध सभा भी की गयी. रैली का समर्थन समर्थन भाकपा (माले) समेत अन्य कई दलों व ट्रेड यूनियन ने भी किया. रैली के दौरान एआइपीएफ के देवाशीष दत्ता, मानवाधिकार आंदोलन के नेता डॉ विनायक सेन, शिक्षाविद मीरातुन नाहर, महिला आंदोलन से जुड़ी शाश्वती घोष, भाकपा (माले) के प्रदेश सचिव पार्थ घोष, अभिजीत मजूमदार, सव्यसाची देव, किन्नर राय समेत अन्य कई दलों व ट्रेड यूनियन के नेता व कार्यकर्ता शामिल रहे. एआइपीएफ के देवाशीष दत्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की भूमि अधिग्रहण अध्यादेश किसानों के हित में नहीं है. किसानों का अधिकार छीन जायेगा.
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भूमि अधिग्रहण अध्यादेश व अन्य मुद्दों को लेकर रैली
कोलकाता: केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ व श्रम कानून संशोधन के विरुद्ध तथा छत्रधर महतो समेत राजनीति बंदियों को बिना किसी शर्त रिहा कराने की मांग पर ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम (एआइपीएफ) की ओर से मंगलवार को महानगर में विरोध रैली निकाली गयी व सभा की गयी. जानकारी के मुताबिक रैली मंगलवार […]
कोलकाता: केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ व श्रम कानून संशोधन के विरुद्ध तथा छत्रधर महतो समेत राजनीति बंदियों को बिना किसी शर्त रिहा कराने की मांग पर ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम (एआइपीएफ) की ओर से मंगलवार को महानगर में विरोध रैली निकाली गयी व सभा की गयी.
एआइपीएफ इस अध्यादेश को जल्द से जल्द रद्द करने की मांग करते है. इधर श्रम कानून संशोधन के नाम पर श्रमिकों के हितों पर होने वाले हमले को बंद करना होगा. दत्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र की जनविरोधी नीतियों की वजह से आम लोग, श्रमिक वर्ग व किसान काफी प्रभावित हैं, उनकी स्थिति दयनीय होती जा रही है. सभा के दौरान करीब 11 केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से दो सितंबर को एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया गया है.
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