कोलकाता : तारातला में स्थित एक निजी मेरिन इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा आयशी कोनार पर अनुशासन भंग करने के आरोप में प्रबंधन ने एक साल के लिए निलंबित कर दिया था और उसके परीक्षा देने पर रोक लगा दी थी. इसके खिलाफ आइशी कोनार ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायाधीश दीपंकर दत्ता ने कहा कि छात्रा पर लगाया गया आरोप एकतरफा है और प्रबंधन ने सिर्फ एक पक्ष की बात सुन कर यह फैसला लिया है. इसलिए छात्रा के निलंबन के आदेश को उन्होंने रद्द करने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि कॉलेज की जूनियर छात्रा दिशानी व शिवानी ने आइशी कोनार व आइशी मित्रा पर रैगिंग का आरोप लगाया था, इसके बाद प्रबंधन ने एक तरफा फैसला लेते हुए दोनों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया था. बचाव पक्ष के वकील ऋतुपर्णा दे घोष ने कहा कि उनके मुवक्किल पर झूठा आरोप लगाया गया है. उनकी दलीलों को सुनने के बाद हाइकोर्ट ने छात्राओं को परीक्षा देने की अनुमति दे दी.
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छात्रा को परीक्षा देने की अनुमति देने का निर्देश
कोलकाता : तारातला में स्थित एक निजी मेरिन इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा आयशी कोनार पर अनुशासन भंग करने के आरोप में प्रबंधन ने एक साल के लिए निलंबित कर दिया था और उसके परीक्षा देने पर रोक लगा दी थी. इसके खिलाफ आइशी कोनार ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए […]
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