कोलकाता: राज्य सरकार ने हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड में सरकार के अधीन के शेयर को बेचने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है. इस संबंध में बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में एचपीएल के लिए बने मंत्री समूह की बैठक हुई. बैठक में कंपनी के अंतर्गत राज्य सरकार के 31 फीसदी शेयर को बेचने की मंजूरी दे दी गयी है. 30 सितंबर के अंदर ही शेयरों के बेचने की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.
राज्य सरकार के 31 फीसदी शेयरों की कीमत 2000-2700 करोड़ रुपये के बीच बतायी गयी है. एचपीएल में हिस्सेदारी खरीदनेवालीं कंपनियों में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड व इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का नाम सबसे आगे है. इन दोनों कंपनियों के अलावा ओएनजीसी, गेल, जिंदल स्टील एंड पावर, एसार ग्रुप व केयर्न इंडिया ने भी आवेदन जमा किया है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार का एचपीएल में करीब 39.9 फीसदी शेयर था, लेकिन इसमें से 9.18 फीसदी शेयर का अधिग्रहण द चटर्जी ग्रुप ने कानूनी आधार पर कर लिया, क्योंकि कंपनी का पहले से ही एचपीएल में करीब 41 फीसदी शेयर था. बाकी शेयर टाटा मोटर्स, टाटा पावर, कुछ बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं के अधीन हैं. सबसे पहले एचपीएल की सबसे बड़ी अनुषंगी कंपनी को राज्य सरकार के शेयर बेचने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन कंपनी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इसके बाद राज्य सरकार ने अपने 31 फीसदी शेयर को बेचने का फैसला किया. गौरतलब है कि 9600 करोड़ रुपये का कारोबार करनेवाली एचपीएल ने वर्ष 2012-13 में कुल 907 करोड़ रुपये का घाटा उठाया था.