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सेल की हिस्सेदारी 50 मिलियन टन

आसनसोल. केंद्रीय इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्ष 2025 तक पूरे देश में तीन सौ मिलियन टन इस्पात का वार्षिक उत्पादन होगा. इसमें से अकेले सेल की हिस्सेदारी 50 मिलियन टन होगी. वह रविवार को स्थानीय पोलो ग्राउंड में आइएसपी के आधुनिक व विस्तारित प्लांट के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे […]

आसनसोल. केंद्रीय इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्ष 2025 तक पूरे देश में तीन सौ मिलियन टन इस्पात का वार्षिक उत्पादन होगा. इसमें से अकेले सेल की हिस्सेदारी 50 मिलियन टन होगी. वह रविवार को स्थानीय पोलो ग्राउंड में आइएसपी के आधुनिक व विस्तारित प्लांट के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 16 हजार करोड़ रुपये की लागत से आइएसपी कारखाना का आधुनिकीकरण तथा विस्तारीकरण किया गया. यहां 2.5 मिलियन टन क्षमता वाले देश के सबसे बड़े ब्लास्ट फार्नेस ‘कल्याणी’ का निर्माण किया गया.

उन्होंने कहा कि इस कारखाने के आधुनिकीकरण में 16 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. दुर्गापुर स्टील प्लांट में भी यह कार्य होगा. इसे मिलाकर कुल निवेश 35 हजार करोड़ रुपये का हो जायेगा. उन्होंने कहा कि आइएसपी के इस प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया. प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया के तहत युवाओं को रोजगार देना है.

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार शिक्षित बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित कर रोजगार देना चाहती है. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा शनिवार को कोलकाता में शुभारंभ की गयीं तीन सामाजिक सुरक्षा योजना की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पूरी दुनिया में भारत नेतृत्व करने वाला देश बन कर विकसित होगा.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दुर्गापुर स्टील प्लांट के आधुनिकीकरण के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की लागत की परियोजना को केंद्र सरकार मंजूरी दे, ताकि दुर्गापुर इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए जमीन उपलब्ध करा चुकी है. सेल ने इसके लिए पहल भी की थी, लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में इस्को रूग्णता का शिकार थी तथा इसके निजीकरण की प्रक्रिया चल रही थी. उन्होंने तत्कालीन एनडीए सरकार को बाहर से समर्थन दिया था. इसके एवज में बंगाल पैकेज की मंजूरी ली थी. इसमें इस्को का पुनरूद्धार पैकेज शामिल था. इसे मंजूरी मिली, लेकिन आधुनिकीकरण का कार्य वर्ष 2006-07 में शुरू हुआ. आठ वर्षो बाद इसका निर्माण पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि इसका क्रेडिट आम जनता को भी मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीएलडब्ल्यू की बदहाल स्थिति से उसे उबारने के लिए भी उन्होंने पहल की थी. उन्होंने कहा कि आसनसोल व दुर्गापुर की औद्योगिक पहचान रही है. कुछ समय पहले सेल ने दुर्गापुर स्टील प्लांट का आधुनिकीकरण कर उसे विश्व का दूसरा बड़ा प्लांट बनाने का निर्णय लिया था. इसमें बीस हजार करोड़ का निवेश होगा. राज्य सरकार ने भूमि उपलब्ध करा दी है, केंद्र सरकार इसे शीघ्र मंजूरी दे.

उद्योगों में जान आने से मजदूर बचेंगे. सुश्री बनर्जी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने से विकास होगा, लेकिन दिल टूटने से देश का बंटवारा होगा. संघीय ढांचे को मजबूत करना होगा. उन्होंने कहा कि आसनसोल मिनी भारत है. इसके विकास के लिए उन्होंने काफी पहल की है. मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल, आइटी हब, यूनिवर्सिटी का निर्माण किया है. पेयजल की कई योजनाओं को मंजूरी दी गयी है. विरभूम में वृहद कोल परियोजना को मंजूरी मिली है तथा पानागढ़ को औद्योगिक हब में बदला गया है. उन्होंने कहा कि सहयोग व विश्वास से ही देश व राज्य का विकास होगा.

इसके पूर्व स्थानीय सांसद सह केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सभी का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आसनसोल-बर्नपुर के लिए यह ऐतिहासिक घटना है, जब बर्नपुर में देश के सबसे बड़े ब्लास्ट फार्नेस का उद्घाटन किया गया. सभी को मिलकर देश का निर्माण करने में योगदान करने की जरूरत है. जनसभा के समापन पर आभार प्रकट करते हुए केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री बिष्णु देव साइ ने कहा कि इस्को स्टील प्लांट कारखाना का लाभ आने वाले समय में देश को मिलेगा. इस दौरान उन्होंने मंच पर उपस्थित प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत सभी गणमान्य लोगों का आभार प्रकट किया. कार्यक्रम के अंत में प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी को स्मृति चिन्ह के रूप में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा भेंट की गयी.
मोदी को देखते ही उतावले हुए दर्शक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर सुबह 10:36 बजे बर्नपुर के पोलो ग्राउंड के अस्थायी हेलीपैड पर उतरा. यहां से उनका काफिला सड़क पथ से इस्को स्टील प्लांट के लिए रवाना हो गया. उनके साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद नहीं थीं. उनका स्वागत इस्पात मंत्रलय के अधिकारियों ने किया. प्लांट से 11:15 बजे वह पुन: पोलो ग्राउंड में बने मंच पर पहुंचे. विशालकाय पंडाल में लगे स्क्रीन पर मोदी को देखते ही दर्शक उतावले हो उठे और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने हाथ हिला कर चाहनेवालों का अभिनंदन किया. उनके साथ मंच पर केंद्रीय इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व कई मंत्री भी थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तसवीर जब-जब स्क्रीन पर दिखती, दर्शक अद्भुत अंदाज में जोश के साथ एक साथ तालियों के साथ उनका स्वागत कर रहे थे.
गन्ना, आम का रस पीकर भगायी गरमी
कार्यक्रम स्थल के आसपास तो मेले जैसा नजारा दिखा. गन्ना, आम का रस पीकर लोग गरमी से निजात पाने की कोशिश कर रहे थे. नींबू पानी, खीरा, सत्तू की दुकानों पर भी भीड़ देखने को मिली. आइसक्रीम, लस्सी वालों की चांदी रही. इडली, चना, बादाम, लेमनचूस का आनंद लेने के साथ ही वहां एकत्रित लोगों ने गरमी में भी चाय और कॉफी की चुस्की लेने में परहेज नहीं की. भाजपा नेताओं की तसवीरें और पार्टी के कमल फूल वाले चिन्ह का बैज भी बिक रहे थे. शेरो-शायरी एवं अन्य रोचक पुस्तकें भी बिक रही थीं. गोलगप्पे, चाट की दुकानें भी सजी थीं. प्रधानमंत्री का दीदार करने के साथ ही लोगों ने छुट्टी का यहां जमकर लुत्फ उठाया. दूर-दराज से लोग अपने परिवार के साथ भी यहां पहुचे थे. सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी यहां तैनात थे. लोगों में काफी उत्साह दिखा.

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