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चिटफंड कंपनियों को अब नहीं देगा निगम ट्रेड लाइसेंस

कोलकाता. राज्य सरकार ने चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसने के लिए अब इनको ट्रेड लाइसेंस नहीं देने का फैसला किया है. इस संबंध में राज्य सरकार ने एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा है कि अब बाजार से रुपया उगाहने वाली किसी भी निजी कंपनी को राज्य सरकार द्वारा ट्रेड लाइसेंस नहीं दिया जायेगा. सबसे […]

कोलकाता. राज्य सरकार ने चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसने के लिए अब इनको ट्रेड लाइसेंस नहीं देने का फैसला किया है. इस संबंध में राज्य सरकार ने एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा है कि अब बाजार से रुपया उगाहने वाली किसी भी निजी कंपनी को राज्य सरकार द्वारा ट्रेड लाइसेंस नहीं दिया जायेगा. सबसे पहले कंपनी के बारे में पूरी जांच की जायेगी, उसके बाद विचार किया जायेगा कि इस कंपनी को ट्रेड लाइसेंस दिया जाये या नहीं.

किसी भी चिटफंड कंपनी को ट्रेड लाइसेंस देना अनिवार्य नहीं होगा. हालांकि छोटे व्यवसायियों को ट्रेड लाइसेंस देने के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया सरल कर दी है, लेकिन चिटफंड कंपनी के खिलाफ सख्त हो गयी है. राज्य के वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने इसके लिए पश्चिम बंगाल नगरपालिका एक्ट की धारा 141, कोलकाता नगर निगम एक्ट की धारा 191, हावड़ा नगर निगम एक्ट की धारा 102 में संशोधन करने का फैसला किया है.

इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि अब एक ही पते पर एक से अधिक ट्रेड लाइसेंस जारी नहीं किये जायेंगे. जानकारी के अनुसार, सारधा कंपनी के डायमंड हार्बर रोड स्थित कार्यालय के पते पर कोलकाता नगर निगम ने 48 ट्रेड लाइसेंस जारी किये थे. अब राज्य सरकार इस प्रथा को खत्म करना चाहती है. बताया जाता है कि सेबी व आरबीआइ की अनुमति लिये बिना कई चिटफंड कंपनियां सिर्फ राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये ट्रेड लाइसेंस के आधार पर यहां कारोबार कर रही हैं और यह बात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नजर में है. इसलिए मुख्यमंत्री चिटफंड कंपनियों को नया लाइसेंस देने या इसके नवीकरण पर विशेष ध्यान दे रही हैं. आशा है कि अगली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जायेगी.

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