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लाठी का जवाब फूल से

कोलकाता : एसएफआइ नेता सुदीप्त गुप्त की मौत की सटीक जांच व दोषी की सजा की मांग पर विगत गुरुवार को एसएफआइ समेत चार वामपंथी संगठनों की रैली व कानून भंग आंदोलन के दौरान पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को महानगर समेत राज्य भर में एसएफआइ समेत अन्य वामपंथी छात्र संगठनों की […]

कोलकाता : एसएफआइ नेता सुदीप्त गुप्त की मौत की सटीक जांच व दोषी की सजा की मांग पर विगत गुरुवार को एसएफआइ समेत चार वामपंथी संगठनों की रैली व कानून भंग आंदोलन के दौरान पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को महानगर समेत राज्य भर में एसएफआइ समेत अन्य वामपंथी छात्र संगठनों की ओर से प्रदर्शन किये गये.
प्रदर्शन व पथावरोध का डीवाइएफआइ, आल इंडिया युवा लीग समेत अन्य वामपंथी युवा संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी समर्थन किया. कहीं प्रदर्शन तो कहीं पथावरोध तो कहीं मानव बंधन बना कर विरोध किया गया गया. लेकिन मौलाली मोड़ के निकट विरोध का नायाब तरीका भी देखने को मिला. वहां प्रदर्शन कर रहे वामपंथी छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने वहां तैनात पुलिस कर्मियों को गुलाब फूल भेंट किया. छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि लाठी के जवाब में फूल देने से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता है. अचानक गुलाब फूल दिये जाने से पुलिस कर्मी भी हैरत में पड़े नजर आये. मौलाली मोड़ के निकट होने वाले प्रदर्शन के दौरान सीटू के आला नेता श्यामल चक्रवर्ती, सांसद ऋतुव्रत बनर्जी, बड़ाबाजार युवा लीग के नेता श्रीकांत सोनकर, देवज्योति दास, अमोल देव राय समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे.
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को महानगर के श्यामबाजार फाइव प्वाइंट क्रॉसिंग, मौलाली मोड़, हाजरा मोड़ और यादवपुर आठ-बी बस स्टैंड के निकट एसएफआइ ने विरोध प्रदर्शन व पथावरोध किया. उनकी कार्यसूची में अन्य तीन वामपंथी छात्र संगठनों ने भी पूरा समर्थन किया. करीब एक बजे से विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया जो अपराह्न करीब ढाई बजे तक चला. श्यामबाजार फाइव प्वाइंट क्रासिंग के निकट वामपंथी छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मानव बंधन बना कर विरोध किया. इसकी वजह से वहां की यातायात व्यवस्था काफी प्रभावित हुई.
मौलाली मोड़ के निकट मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंक कर विरोध जताया गया. सीटू नेता श्यामल चक्रवर्ती ने छात्र संगठनों की कार्यसूची के दौरान कथित लाठीचार्ज घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर छात्र आंदोलन कर ही सकते हैं लेकिन विगत गुरुवार को हुई घटना से एक बात तो साफ हो गयी है कि राज्य में छात्र आंदोलन को भी दबाने की कोशिश हो रही है. इधर ऋतुव्रत बनर्जी ने कहा कि कई छात्र घायल हुए हैं. यह राज्य सरकार और प्रशासन के लिए शर्मनाक बात है. आरोप के मुताबिक पूरे राज्य में अराजकता की स्थिति बनी हुई है. इस घटना का विरोध जारी रहेगा.

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