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सर्वदलीय बैठक में एकजुट हुआ विपक्ष
कोलकाता: निकाय चुनाव के तहत राज्य चुनाव आयोग के आह्वान पर शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस की मांग का माकपा, भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया है. तृणमूल कांग्रेस ने निकाय चुनाव के तहत मतदान की समयावधि करीब दो घंटे बढ़ाये जाने की मांग की थी. जानकारी के मुताबिक […]
कोलकाता: निकाय चुनाव के तहत राज्य चुनाव आयोग के आह्वान पर शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस की मांग का माकपा, भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया है. तृणमूल कांग्रेस ने निकाय चुनाव के तहत मतदान की समयावधि करीब दो घंटे बढ़ाये जाने की मांग की थी. जानकारी के मुताबिक बैठक दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुई. बैठक में निकाय चुनाव के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती समेत अन्य चार-पांच विषयों पर भी चर्चा हुई.
जानकारी के मुताबिक बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व मेयर शोभन चटर्जी ने शिरकत की, जबकि माकपा की ओर से रॉबिन देव व सुखेंदु पानीग्रही मौजूद रहे.
बैठक की शुरुआत में ही तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्य चुनाव आयुक्त सुशांत रंजन उपाध्याय के समक्ष मांग की गयी कि मतदान की समयावधि बढ़ायी जाये. लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तरह ही निकाय चुनाव के तहत मतदान सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक कराये जायें. आयोग द्वारा जारी अधिसूचना में निकाय चुनाव के तहत मतदान का समय सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक निर्धारित है. तृणमूल नेताओं ने कहा कि यह मांग मतदाताओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ही की गयी है. मतदान की समयावधि बढ़ाये जाने से मतदान के प्रतिशत में भी वृद्धि की संभावना है.
इधर, तृणमूल की मांग का विरोध करते हुए माकपा नेताओं ने आशंका व्यक्त की कि मतदान की समयावधि बढ़ाये जाने से गड़बड़ी की आशंका बढ़ जायेगी. माकपा नेताओं ने कहा कि यह आशंका इसलिए व्यक्त की जा रही है, क्योंकि निकाय चुनाव के पहले ही विपक्षी दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाये जाने की कोशिश की जा रही है.
मतदान के दौरान समयावधि बढ़ाये जाने के मुद्दे पर राज्य चुनाव आयुक्त सुशांत रंजन उपाध्याय का कहना है कि बैठक में हुई बातचीत की जानकारी राज्य सरकार को दी जायेगी. यानी तृणमूल कांग्रेस की मांग पर उक्त बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया.
केंद्रीय बलों की तैनाती पर भी चर्चा
सूत्रों के अनुसार बैठक में निकाय चुनाव के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. विपक्षी दलों ने सवाल किया कि केंद्रीय सुरक्षा बल की कितनी कंपनियों की तैनाती मतदान के दौरान होंगी. सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर आयोग ने कहा कि राज्य सरकार से केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के लिए आयोग ने करीब 50 कंपनियों का प्रस्ताव रखा था, जिस पर राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि मतदान के दौरान केंद्रीय सुरक्षा वाहिनी की कितनी कंपनियां मौजूद रहेंगी इस पर संशय बना हुआ है. इसके बाद बैठक में चुनाव प्रचार, शिकायतों व अन्य मसलों को लेकर भी बातचीत हुई. गौरतलब है कि आगामी 18 अप्रैल को कोलकाता नगर निगम का चुनाव होना है, जबकि 25 अप्रैल को 91 निकायों में मतदान होंगे.
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