कोलकाता. गरीब व जरूरतमंद की मदद करने का जज्बा अगर दिल में मौजूद हो, तो उसके लिए धनवान होने की कोई जरूरत नहीं है. एक आम आदमी भी अपनी जरूरतों में कटौती कर इस काम को अंजाम दे सकता है. इसका उदाहरण 12वीं कक्षा का छात्र सायन मंडल है. दमदम के दुर्गापुर का निवासी सायन असेंबली ऑफ गॉड चर्च स्कूल में छात्र है. उसका संबंध एक मध्यवर्गीय परिवार से है. उसके पिता जीवन की गाड़ी चलाने के साथ-साथ सायन के शिक्षा का खर्च किसी तरह निकाल लेते हैं. स्कूल जाते समय सायन को रोजाना खर्च के लिए घर से कुछ रकम मिलती है. स्कूल के अन्य छात्र जहां मां-बाप से मिले रुपये खाने में खर्च कर देते थे, वहीं सायन अपने अभिभावकों से मिली थोड़ी-सी रकम में भी कुछ बचा लिया करता था. थोड़ी-थोड़ी रकम रोजाना जमा कर उसने 1500 रुपये जमा कर लिये थे, जिसे वह जरूरतमंद छात्रों को देना चाहता था. सायन की यह चाहत उसे मेडिकल सेंटर द्वारा संचालित स्कूल नवदिशा ले आयी. जहां सड़कों पर जिंदगी गुजारनेवाले परिवार के गरीब व जरुरतमंद बच्चों को मेडिकल सेंटर द्वारा मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करायी जाती है. सायन ने अपने खाने के खर्च से बचाये गयी 1500 रुपये की वह रकम उन बच्चों को दे दी. उसका कहना था कि चाहत व जरूरत किसे कहते हैं, उसे अच्छी तरह पता है. उसे मालूम है कि इस 1500 रुपये से कुछ नहीं होगा, पर बूंद-बूंद से ही सागर बनता है. अगर समाज के काफी सारे लोग इसी तरह इन की मदद के लिए आगे आयें, तो इनकी जिंदगी बदल जायेगी.
BREAKING NEWS
Advertisement
स्कूल के खर्च से बचा कर जरूरतमंद छात्रों की सहायता
कोलकाता. गरीब व जरूरतमंद की मदद करने का जज्बा अगर दिल में मौजूद हो, तो उसके लिए धनवान होने की कोई जरूरत नहीं है. एक आम आदमी भी अपनी जरूरतों में कटौती कर इस काम को अंजाम दे सकता है. इसका उदाहरण 12वीं कक्षा का छात्र सायन मंडल है. दमदम के दुर्गापुर का निवासी सायन […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement