कोलकाता: दमदम के एक दंपती ने दमदम थाना के विरुद्ध मानसिक तौर पर कई महीनों से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. हालांकि पुलिस का कहना है कि एक मामले की जांच के लिए सिर्फ उन दोनों से पूछताछ की है.
बताया जाता है कि दिसंबर 2012 में मोनामी ने दमदम के पुलिन एवेन्यू स्थित घर से भाग कर नागेरबाजार निवासी आशीष मंडल से शादी कर ली थी. मोनामी अभी पांच महीने की गर्भवती है. इधर, मोनामी की मां गौरी घोष ने जनवरी में दमदम थाने में अपनी नाबालिग बेटी को भागा कर ले जाने का आरोप लगाते हुए आशीष के विरुद्ध शिकायत दर्ज करायी थी. उसने आरोप लगाया था कि आशीष के कहने पर उसकी बेटी घर से 60 भरी सोने के गहने व नकद रुपये चुरा कर अपने साथ ले गयी है.
दमदम थाना के आइसी प्रवीर चटर्जी ने बताया कि मामले की जांच के बाद पाया गया कि मोनामी बालिग है. उन दोनों ने कोर्ट में मैरिज रजिस्ट्री कर ली है. आशीष को गिरफ्तार करने का दबाव डालने पर पुलिस ने मैरिज रजिस्ट्री की कॉपी मोनामी की मां को दी. मोनामी की मां इसके बाद बैरकपुर कोर्ट में चली गयी. वहां उसने आशीष के विरुद्ध उसकी बेटी का अपहरण करने का मामला दायर किया.
कोर्ट ने मामले की जांच के लिए दमदम थाने को निर्देश दिया. पुलिस ने फिर मामले की जांच के लिए दंपती से पूछताछ की. अशीष को बैरकपुर कोर्ट से अग्रिम जमानत लेनी पड़ी. इस मामले में मोनामी का कहना है कि उसकी मां की शिकायत पर दमदम थाना की पुलिस उसे और उसके पति को कई महीनों से परेशान कर रही है, जबकि दमदम थाना के आइसी प्रवीर चटर्जी का कहना है कि कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस ने सिर्फ दो बार मामले की जांच करने के लिए नागेरबाजार स्थित आशीष के घर गयी थी. इसके अतिरिक्त किसी प्रकार से दंपती को परेशान नहीं किया गया है. उन्होंने दंपती के आरोप को बेबुनियाद बताया है.