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सारधा घोटाला मामला : मदन को नहीं मिली राहत, 30 तक जेल में
– जब्त कागजातों के बारे में मंत्री से जेल में पूछताछ के लिए सीबीआइ ने किया था आवेदन – 17 से 24 जनवरी तक सीबीआइ जेल में ही मंत्री से कर सकती है पूछताछ कोलकाता : सारधा घोटाला मामले में गिरफ्तार राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र को फिलहाल राहत मिलने की कोई सूरत नहीं […]
– जब्त कागजातों के बारे में मंत्री से जेल में पूछताछ के लिए सीबीआइ ने किया था आवेदन
– 17 से 24 जनवरी तक सीबीआइ जेल में ही मंत्री से कर सकती है पूछताछ
कोलकाता : सारधा घोटाला मामले में गिरफ्तार राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र को फिलहाल राहत मिलने की कोई सूरत नहीं नजर आ रही है.
शुक्रवार को उनकी जेल हिरासत की सीमा खत्म होने के बाद उन्हें अलीपुर अदालत में पेश किया गया, जहां सुनवाई के दौरान अदालत ने उन्हें फिर 30 जनवरी तक जेल हिरासत में भेज दिया. इसी दिन सीबीआइ की ओर से मदन मित्र से जेल में जाकर पूछताछ करने का आवेदन अदालत में किया गया था. सीबीआइ के वकील ने कहा कि मंत्री से पूछताछ के दौरान कई जानकारी व कागजात जब्त किये गये हैं.
इसके बाद उनसे जेल में पूछताछ की जरूरत आ पड़ी है. ऐसी स्थिति में जेल में ही मंत्री से पूछताछ की इजाजत दी जाये.
रिहा हुए तो जांच प्रक्रिया हो सकती है प्रभावित : सीबीआइ
सीबीआइ के वकील ने कहा कि मदन मित्र को अगर रिहा किया गया, तो जांच प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. सीबीआइ को कई सबूत मिले हैं. इस स्थिति में उनसे जेल में जाकर पूछताछ की इजाजत दी जाये. सीबीआइ के इस आवेदन को स्वीकार करते हुए अदालत ने 17 से 24 जनवरी तक जेल में जाकर पूछताछ की इजाजत दे दी.
नहीं मिले कोई सबूत : मदन के वकील का दावा
वहीं, अदालत में मदन मित्र के वकील अशोक मुखर्जी ने बताया कि अब तक परिवहन मंत्री की गिरफ्तारी के बाद सारधा मामले में उनके जुड़े होने के संबंध में सीबीआइ कोई सबूत अदालत में पेश नहीं कर पायी है. किसी को गवाह बनाने को लेकर अदालत में आवेदन भी नहीं किया गया. इसके अलावा सीबीआइ का कहना था कि पूछताछ में कई लोगों ने मंत्री का नाम लिया, लेकिन सीबीआइ की तरफ से अदालत में उन लोगों का बयान दर्ज नहीं कराया गया.
जेल हिरासत में रहने के दौरान भी सीबीआइ कुछ ज्यादा जानकारी व सबूत हासिल नहीं कर पायी है. इसलिए परिवहन मंत्री को जमानत पर रिहा किया जाये. दूसरी तरफ जेल से कोर्ट रूम आने के दौरान मंत्री मदन मित्र ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है. पार्टी नहीं टूटेगी और किसने गुनाह किया है, इसका निर्णय कानून और अदालत करेगी. सरकार के मंत्रियों के खिलाफ जो साजिश रची जा रही है, वह एक समय के बाद सामने आयेगी.
मदन मित्र ने भी न्यायाधीश से मांगी जमानत
कोलकाता : सुनवाई के दौरान मदन मित्र ने भी उठ कर अपनी जमानत के लिए न्यायाधीश से आवेदन किया. उन्होंने कहा : सीबीआइ कहती है कि जो भी पूछताछ व जांच में मदद करेगा, उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा. जब सीबीआइ ने मुङो बुलाया, तो मैं तुरंत चला आया था. इसके बावजूद जब भी मुङो बुलाया जायेगा, मैं बार-बार आने को तैयार हूं. इसके कारण मुङो जमानत दी जाये.
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