कोलकाता: पुण्य स्नान के लिए सोमवार से तीर्थयात्रियों का जत्था गंगासागर के लिए रवाना होगा. देश के विभिन्न इलाकों से आउट्राम घाट स्थित सेवा शिविरों में रविवार तक लगभग साढ़े तीन लाख तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं.
गंगासागर तीर्थयात्री संयुक्त समिति के अध्यक्ष तारकनाथ त्रिवेदी ने बताया कि स्वयंसेवी संस्थाओं के शिविरों में तीर्थयात्रियों के रहने व खाने की व्यवस्था की गयी है, लेकिन इस वर्ष आशा से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे हैं. रविवार तक लगभग साढ़े तीन लाख तीर्थयात्री आउट्राम घाट स्थित सेवा शिविरों में पहुंच चुके हैं. अधिक संख्या के कारण कई तीर्थयात्रियों को शिविरों में जगह नहीं मिल पायी है, हालांकि उन लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है. कोलकाता नगर निगम के आयुक्त खलील अहमद ने रविवार को आउट्राम घाट के सेवा शिविरों की व्यवस्थाओं व तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का निरीक्षण किया.
पानी की सप्लाई को लेकर शिविरों में असंतोष
रविवार को सेवा शिविर प्रांगण में पीएचई विभाग की ओर से जल सप्लाई में बाधित हुई, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस वजह से शिविरों में असंतोष देखने को मिला. संयुक्त समिति की ओर से मेयर शोभन चटर्जी से बात की गयी है, उसके बाद निगम की ओर से पानी के टैंक भिजवाये गये. श्री त्रिवेदी ने कहा कि उन लोगों ने निगम से अपील की कि सोमवार को और अधिक पानी के टैंक भिजवायें, ताकि तीर्थयात्रियों को पानी की परेशानी नहीं हो. उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग ने 12 जनवरी से गाड़ियों की व्यवस्था की है, जो 14 जनवरी तक गंगासागर जायेंगी.
मेला पथ में जगह-जगह लगाये गये बैरिकेड
दक्षिण 24 परगना के पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव व्यवस्थाएं की गयी हैं. ट्रैफिक निरंतर चले, इसके लिए जगह-जगह पर बैरिकेड लगाये गये हैं. बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती की गयी है और सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं. स्पेशल वाच टावर भी लगाये गये हैं.
बनाये गये हैं नौ प्रतीक्षा स्थल
दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों की यात्र सहज, सुगम और सफल बनाने के लिए नौ प्रतीक्षा स्थल बनाये गये हैं. प्रतीक्षा स्थल का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब लॉट नंबर आठ, नामखाना अथवा कचुबेड़िया में दर्शनार्थियों की संख्या जेटी घाटों की वहन क्षमता से काफी बढ़ जाती है और भाटा या कुहरे के कारण उनको नदी पार करवाना असंभव हो जाता है. ऐसी स्थिति में प्रतीक्षा स्थल में यात्रियों को कुछ घंटों प्रतीक्षा करना पड़ सकता है. प्रतीक्षा स्थल में शौचालय, पीने के पानी, बिजली की व्यवस्था आदि की गयी है.
रहें सतर्क : ये नहीं करें
जल्दबाजी नहीं करें. इससे दुर्घटना घट सकती है. जहाज पर चढ़ते और उतरते समय हड़बड़ी न करें और दौड़ नहीं लगायें.
बैरिकेड और वैरियर का उल्लंघन नहीं करें और न ही उन पर दबाव डालें. ये लकड़ी के बने होते हैं. उनके टूटने से दुर्घटना घट सकती है.
किसी अनजान व्यक्ति को समान या कपड़े न सौंपे. इसके आपके समान की चोरी और गायब होने का खतरा रहता है.
समुद्र तट पर जल में अधिक अंदर नहीं जायें, यह जानलेवा हो सकता है.
किसी भी संदिग्ध समान को न छुएं और पुलिस को सूचित करें.
उपस्थित पुलिसकर्मी व स्वयंसेवकों के निर्देश का पालन करें.
छोटे बच्चों और बुजुर्गो का खास ख्याल रखें. बेहतर होगा कि उनके गले में परिचय पत्र डाल दें, जिससे गुम होने की स्थिति में उन्हें पहचानना संभव हो सके.
गंगासागर में स्नान करने के समय कपड़ों को रखने के लिए क्लॉक रूम का उपयोग करें.