विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के 11 छात्र कुलपति के इस्तीफे सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर सोमवार रात से परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं. भूख हड़ताल पर बैठी एक छात्र अरुणिमा मित्र ने बताया कि जब वे लोग 17 सितंबर की रात शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, उस समय छात्रों पर की गयी पुलिस कार्रवाई के लिए कुलपति जिम्मेदार हैं. छात्र तब से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन वह अड़े हुए हैं. लिहाजा इसके बाद उन लोगों ने भूख हड़ताल शुरू की है. सितंबर में कुलपति और अन्य अधिकारियों के घेराव के दौरान पुलिस कार्रवाई के गवाह रहे अरविंद भवन के बाहर आंदोलनरत छात्रों ने कंबल और शॉल के सहारे कल सर्दी की रात गुजारी.
28 अगस्त को परिसर के भीतर एक छात्र का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के मामले में नये सिरे से जांच समिति गठित करने की मांग को लेकर छात्रों ने कुलपति, रजिस्ट्रार और अन्य का 16 और 17 सितंबर की दरमियानी रात में घेराव किया था. कुलपति ने कहा था कि उन्हें अपनी जान का डर था, इसलिए घेराव खत्म करने के लिए उन्होंने पुलिस को बुलाया था और 35 छात्रों को गिरफ्तार किया गया था. कई छात्रों ने आरोप लगाया था कि उस रात परिसर के भीतर पुलिस ने बुरी तरीके से उनकी पिटाई की थी. इस बीच, चक्रवर्ती ने छात्रों से अपना आंदोलन वापस खत्म कर बातचीत करने की अपील की है. कुलपति ने को बताया कि इसके कारण पूरा शैक्षणिक माहौल खराब हो रहा है. उन्हें विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ बातचीत करनी चाहिए. हम उनकी मांगों पर विचार करेंगे.