कोलकाता : एक समय था कि जब बंगाल से आइपीएस व आइएएस अधिकारियों की संख्या बहुत अधिक हुआ करती थी, आज भी देश के महत्वपूर्ण विभागों में बंगाल के आइपीएस व आइएएस अधिकारी नियुक्त हैं. लेकिन वर्तमान समय में यह स्थिति बिल्कुल पलट गयी है.
अब ऐसी स्थिति है कि यहां के नये आइपीएस व आइएएस अधिकारियों की संख्या अब एक दम से कम हो गयी है. पिछले कुछ वर्षो में यह संख्या तो नहीं के बराबर हो गयी है. यह बातें शनिवार को सम्मिट के निदेशक शंकर मित्र ने आइएएस, आइपीएस व डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों के लिए आयोजित जागरूकता सेमिनार के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि बंगाल की सबसे बडी समस्या यह है कि यहां अच्छे कोचिंग सेंटर नहीं है और ना ही इस संबंध में कोई गाइड लाइन देनेवाला है. यहां के छात्र वाणिज्य की पढाई की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं. और कुछ बचते हैं तो वह इंजीनियरिंग व मेडिकल को अपना विषय चुन लेते हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए और यहां के सेवानिवृत आइपीएस व आइएएस अधिकारियों को लेकर एक पहल शुरू करनी चाहिए. इस मौके पर केंद्र सरकार के कारपोरेट मामलों के पूर्व सचिव राम बंद्योपाध्याय, पूर्व आइजी संधी मुखर्जी, विश्व भारती के पूर्व कुलाधिपति व एआइएमटी के अध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार सिन्हा सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अपने विचार रखे.