जलपाईगुड़ी: ममता बनर्जी को असम सरकार के साथ बातचीत कर शरणार्थियों की स्थायी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए थी, लेकिन वह तो सिर्फ सारधा मामले से बचने के लिए यहां आउटिंग पर आयी थीं. आज कुमारग्राम के शरणार्थी शिविर में आकर दार्जिलिंग के भाजपा सांसद एसएस अहलुवालिया ने कुछ ऐसी ही टिप्पणी मुख्यमंत्री के खिलाफ की.
आज अलीपुरद्वार जिले के कुमारग्राम ब्लॉक के बारोबिशा, हल्दीबाड़ी, चैंगमारी समेत चार शरणार्थी शिविरों में भाजपा प्रतिनिधि गये व उनकी सुविधा-असुविधाओं की जानकारी ली. निचले असम इलाके में एनडीएफबी (एस) उग्रवादी संगठन की गोलीबारी की घटना के बाद करीब 1300 शरणार्थी अलीपुरद्वार के कुमारग्राम के चार शिविरों में आश्रय लिये हुए हैं.
शरणार्थियों की खबर लेने आये भाजपा प्रतिनिधि मंडल में असम के जोरहाट के सांसद कामाख्या तासा, डिब्रुगढ़ के सांसद राम शंकर तेली, पश्चिम बंगाल के भाजपा सचिव विश्वप्रिय रायचौधरी, असम के राज्य सचिव आदि मौजूद थे. इस दौरान संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में अहलुवालिया ने कहा कि केंद्र की खुफिया विभाग ने असम सरकार को पहले ही संकेत दे दिया था कि असम में इस तरह की घटना घट सकती है, लेकिन असम सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि शरणार्थियों के साथ बातचीत कर केंद्रीय गृह मंत्रलय के सचिव को रिपोर्ट भेजा जायेगा. असम के आदिवासी सुरक्षित रहें, इस ओर ध्यान रखा जायेगा. भाजपा की ओर से आज शरणार्थियों के बीच शीत वस्त्र व अन्य सहायता सामग्री वितरित की गयी.