कोलकाता. जलवायु परिवर्तन से शहरी क्षेत्रों के पेड़ पौधे, पक्षियों और तितलियों पर किस तरह का असर होता है, यह जानने के लिए देश के चार शहरों कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद के सैकड़ों छात्र एक साथ आ रहे हैं. मुंबई स्थित सोशल एंटरप्राइज लेडीबर्ड इंवायरांमेंटल कंसल्टिंग की नागरिक विज्ञान परियोजना के तहत मोबाइल ऐप के इस्तेमाल से इन शहरों के 40 स्कूलों के 3000 छात्रों को जोड़ने की कोशिश हो रही है. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की मदद से कोलकाता के 10 स्कूलों को इस परियोजना में शामिल किया गया है. इसके तहत छात्र शहरी जैव विविधता भू परिदृश्य में नजर आने वाले बदलावों पर नोट बनायेंगे और तस्वीरें उतारेंगे. इसके अलावा वे पेड़ों से पत्तियां गिरने, फल लगने, पकने आदि के बारे में आंकड़ा जुटा कर अध्ययन करेंगे कि जलवायु परिवर्तन का इन पर क्या असर हुआ है. परियोजना की परिकल्पना तैयार करने वाली डॉ वी शुभलक्ष्मी ने बताया कि पांच साल तक इन सूचनाओं को एकत्र कर यह आंकलन किया जायेगा कि चारों शहरों में जलवायु परिवर्तन से क्या असर पड़ा है. छात्र सभी आंकड़ों और तस्वीरों को तीन मोबाइल ऐप आइबर्ड्स, आइबटरफ्लाईज और आइटरीज पर अपलोड करेंगे. पश्चिम बंगाल जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष डॉ अशोक सान्याल ने बताया कि कोलकाता में ही तितलियों की 89 प्रजातियां, पेड़ों की 400 किस्में और पक्षियों की 40 प्रजातियां हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपनी जैव विविधता के संरक्षण की जरूरत है क्योंकि यह तेजी से खत्म हो रही है.
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मोबाइल ऐप से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की होगी जांच
कोलकाता. जलवायु परिवर्तन से शहरी क्षेत्रों के पेड़ पौधे, पक्षियों और तितलियों पर किस तरह का असर होता है, यह जानने के लिए देश के चार शहरों कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद के सैकड़ों छात्र एक साथ आ रहे हैं. मुंबई स्थित सोशल एंटरप्राइज लेडीबर्ड इंवायरांमेंटल कंसल्टिंग की नागरिक विज्ञान परियोजना के तहत मोबाइल ऐप […]
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