कोलकाता: नकली दस्तावेज के जरिये गैर सरकारी बैंकों को लाखों का चूना लगाने वाले क्रेडिट कार्ड गिरोह के मूल शातिर सदस्य को कोलकाता पुलिस के बैंक धोखाधड़ी विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम देवाशीष जाना (35) है. उसे दक्षिण कोलकाता के हरिदेवपुर इलाके से दबोचा गया.
उसके पास से नौ क्रेडिट कार्ड पुलिस ने जब्त किया है. देवाशीष से पूछताछ कर पुलिस को अन्य आठ गिरोह के शातिर सदस्यों के नाम का पता चला. इसमें अनूप साव (30) नामक एक आरोपी पहले से हीं बैंक धोखाधड़ी के मामले में पुलिस हिरासत में है, जबकि अन्य सात आरोपी जेल हिरासत में हैं. जेल गये आरोपियों के नाम शंकर आड्डा (34) बेलियाघाटा, विकास बनर्जी (40) सोदपुर घोला, राजीव अधिकारी (39) निमता, अभिजीत पाल (29) खड़दह, देवराज विश्वास (27) नोआपाड़ा, शुभ्रदीप चौधरी (39) सोदपुर घोला, सुनील पटवा (32) नारकेलडांगा है.
पुलिस के मुताबिक शेक्सपीयर सरणी थाने में 28 नवंबर को अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक के तरफ से सैकत राय ने 45 लाख 62 हजार 856 रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत में कहा गया कि विभिन्न फरजी पते पर क्रेडिट कार्ड मंगवा कर यह गिरोह बैंक को लाखों रुपये का चूना लगा चुका है. बिल का भुगतान नहीं होने के कारण पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करायी गयी. जिसके बाद मामले के जांच की जिम्मेदारी लालबाजार के बैंक धोखाधड़ी विभाग की टीम को दिया गया था. इसके बाद पुलिस ने पहले अनूप को फिर देवाशीष जाना को गिरफ्तार कर लिया.
कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि जितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है, सभी कभी ना कभी किसी रुप से बैंक में काम कर चुके हैं. काम के दौरान इन्होंने बैंक द्वारा ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड भेजने के सभी रूल को अच्छी तरह से जान लिये थे. इसके साथ हीं बड़ी कंपनियों में ऊंचे पदों में काम करनेवाले बैंक के अधिकारियों के नाम की सूची बैंक से हथिया लिया था. उन्हीं के नाम पर अपना फोटो लगा हुआ पहचान पत्र ये बनाते थे और पहले से लिये गये किराये के रूम का पता देकर बैंक में वे उससे अकाउंट खुलवाते थे. बड़ी कंपनियों में उन अधिकारियों के नाम का इस्तेमाल कर यह गिरोह बैंक से क्रेडिट कार्ड का आवेदन करता था. क्रेडिट कार्ड मिलने के बाद ही इस गिरोह के लोग अपना ठिकाना बदल लेते थे. इसी तरह कुल 45 लाख 62 हजार 856 रुपये की धोखाधड़ी की थी. बैंक की तरफ से बिल का भुगतान नहीं होने के बाद इसकी शिकायत शेक्सपीयर सरणी थाने में दर्ज करायी थी.