कोलकाता: महानगर के विख्यात न्यूरोसजर्न डॉ अनिर्वानदीप बनर्जी ने भारत में पहला सफल ब्रेन पेसमेकर ऑपरेशन कर भारतीय स्वास्थ्य जगत में अपना नाम सुनहरे पन्नों में दर्ज करवा लिया.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निवासी 56 वर्षीय काजी अब्दुर रज्जाक पिछले सात वर्ष से दुसाध्य रोग पार्किनसंस से ग्रस्त थे. दिमाग के जटिल रोग पार्किनसंस ने उन्हें पूरी तरह दूसरों के ऊपर निर्भर कर दिया था, वह पूरी तरह बिस्तर पड़े अपने घर में नजरबंद हो चुके थे.
काफी इलाज के बावजूद उन्हें इस बीमारी से छुटकारा नहीं मिला रहा था. अंत में उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेन पेसमेकर व डिप ब्रेन स्टिम्यूूलेशन (डीबीएस) करवाने का परामर्श दिया. इसके बाद श्री रज्जाक ने महानगर के अपोलो ग्लेनिगल्स अस्पताल के कंसल्टेंट न्यूरोसजर्न डा. अनिर्वानदीप बनर्जी से संपर्क किया. अमेरिका के प्रसिद्ध क्लिवलैंड क्लिनिक से फंक्शनल न्यूरोसजर्री में विशेषज्ञता हासिल करने वाले डॉ बनर्जी ने 14 घंटे तक लगातार उनका ऑपरेशन कर उनके दिमाग में ब्रेन पेसमेकर लगाया.
ऑपरेशन के 24 घंटे बाद ही श्री रज्जाक अपने पैर पर न केवल खड़े हो गये, बल्कि चलने-फिरने भी लगे. उन्हें लग रहा है कि यह उनका दूसरा जन्म है. सफल ब्रेन पेसमेकर सजर्री करने के बाद डॉ बनर्जी ने कहा कि दुनिया भर में लगभग सात मिलियन लोग पार्किनसंस रोग से ग्रस्त हैं. इस रोग के शुरुआती दौर में तो दवा कुछ काम करती है, पर बाद में उसका कोई असर नहीं होता है. ऐसे समय में डिप ब्रेन स्टिम्यूलेशन सजर्री की जरूरत पड़ती है. डॉ बनर्जी अब तक इस प्रकार की 155 सजर्री कर चुके हैं. विदेशों में इसका खर्च 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक आता है, जबकि श्री रज्जाक को इसके लिए केवल साढ़े दस लाख रुपये ही खर्च करने पड़े हैं.