कोलकाता. भारतीय भाषा परिषद के सभाकक्ष में शनिवार को सांवरमल सांगानेरिया (गुवाहाटी) ने अरुणाचल व असम की भाषा और संस्कृति पर व्याख्यान दिया. उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के कई अनजाने ऐतिहासिक व सांस्कृतिक तथ्यों से श्रोताओं का परिचय कराया व श्रोताओं के प्रश्नों का जवाब भी दिया और कहा कि रामायण के संदर्भ में उन्होंने बताया कि असमिया में रामायण की रचना बांग्ला व अवधी से पहले हुई थी. बीहू की परंपरा, जनजातियों की भाषा, ब्रह्मपुत्र नदी की विशेषता आदि बातों को सामने रखा. इससे पूर्व परिषद के मंत्री नंदलाल शाह ने स्वागत भाषण दिया व परिषद के कार्यकारिणी सदस्य अरुण चूड़ीवाल ने श्री सांगानेरिया को पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए उनका संक्षिप्त परिचय भी कराया. सांवरमल सांगानेरिया के साथ ही मुंबई से पधारे हिंदी के साहित्यकार आलोक कुमार भट्टाचार्य ने श्री सांगानेरिया के बारे में कई बातों से श्रोताओं को परिचित कराया. इस दौरान सभाकक्ष में विजय गौड़, एके बनर्जी, मोहन प्रसाद, मीनाक्षी दत्तगुप्ता, मिथिलेश प्रसाद, एसपी श्रीवास्तव सहित और भी गणमान्य लोग मौजूद थे.
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अरुणाचल व असम की संस्कृति पर व्याख्यान
कोलकाता. भारतीय भाषा परिषद के सभाकक्ष में शनिवार को सांवरमल सांगानेरिया (गुवाहाटी) ने अरुणाचल व असम की भाषा और संस्कृति पर व्याख्यान दिया. उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के कई अनजाने ऐतिहासिक व सांस्कृतिक तथ्यों से श्रोताओं का परिचय कराया व श्रोताओं के प्रश्नों का जवाब भी दिया और कहा कि रामायण के संदर्भ में उन्होंने बताया […]
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