कोलकाता: एनआरएस कांड की जांच में इंटाली थाने के अधिकारियों की तरफ से लिखित तौर पर अस्पताल प्रबंधन से ब्वॉयज हॉस्टल की पूरी लिस्ट मांगी गयी थी. पुलिस के इस आवेदन पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल की तरफ से सोमवार को 200 छात्रों की एक सूची सौंपी गयी थी.
लिस्ट मिलने के बाद इसे अधूरा लिस्ट बताते हुए पुलिस की तरफ से हॉस्टल में रहने वाले के नाम व फोन नंबर के अलावा हॉस्टल में उनके कमरे के विवरण (कौन से तल्ले में कौन छात्र रहते है) मांगा गया था. मंगलवार को हॉस्टल में रहने वाले छात्रों का नाम व नंबर थाने में अस्पताल प्रबंधन की तरफ से भेजा गया. इस लिस्ट के मिलने के बाद थाने के अधिकारियों का आरोप है कि इसके साथ उन छात्रों की तसवीर भी मांगी गयी थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से अब तक तसवीर नहीं दी गयी. पुलिस का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा छात्रों की तसवीर मौजूद नहीं होने की बात कही गयी, लेकिन पढ़ाई के सिलसिले में हॉस्टल में दाखिला लेते समय छात्रों द्वारा जमा किये गये फॉर्म में उनकी तसवीर जमा की जाती है. इसके बावजूद भी तसवीर देने में देर हो रही है.
वहीं पुलिस का यह भी आरोप है कि अस्पताल के एमरजेंसी विभाग के बाहर व अस्पताल के मुख्य द्वार पर सीसीटीवी लगी है. जांच में मदद के लिए सीसीटीवी फुटेज भी मांगी गयी, लेकिन वह भी उन्हें नहीं मिला. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज मिलने से घटना वाले दिन कौन हॉस्टल के पास गया था, घटना में मृत कोरपान साह (28) कब हॉस्टल के पास गया व वारदात के बाद कौन छात्र हॉस्टल से बाहर निकला. इन सब सवालों के जवाब मिल सकता था, लेकिन फुटेज नहीं मिलने से जांच में रूकावट आ रही है. पुलिस मामले की जांच में देर होने के कहीं ना कहीं अस्पताल प्रबंधन को ही दोषी ठहरा रही है.