कोलकाता : राज्य सरकार ने बर्दवान धमाके के संबंध में प्राथमिक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में घटना के लिए किसी आतंकी संगठन का नाम नहीं लिया गया है. मंगलवार को राज्य सचिवालय नबान्न भवन में मुख्य सचिव संजय मित्रा के नेतृत्व में उच्चस्तरीय बैठक हुई.
बैठक में गृह सचिव बासुदेव बनर्जी, डीजीपी जीएमपी रेड्डी, सीआइडी की स्पेशल आइजी दमयंती सेन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में राज्य सरकार ने बर्दवान सहित दूसरे जिलों के हालात, आतंक प्रभावित क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों व सुरक्षा व्यवस्था संबंधी जानकारी दी गयी है.
उधर, केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिख कर एनआइए की जांच प्रक्रिया में मदद करने को कहा है.बर्दवान जिले के खगड़ागढ़ में दो अक्तूबर को एक मकान में हुए धमाके में दो लोगों की मौत हो गयी और एक शख्स घायल हो गया. घटनास्थल से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गयी. इस सिलसिले में दो महिलाओं सहित चार लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. राज्य सरकार के निर्देश पर सीआइडी घटना की जांच कर रही है.
* हाशेम को कोलकाता ला कर की जारी है पूछताछ
12 दिनों की रिमांड मिलने के बाद घटना में गिरफ्तार तीसरे आरोपी हाशेम मोल्ला को मंगलवार को बर्दवान से कोलकाता के भवानी भवन स्थित सीआइडी मुख्यालय लाया गया. यहां उससे पूछताछ की जा रही है. प्राथमिक पूछताछ में उसने बताया कि जमात-उल-मुजाहिद्दीन के लिए विस्फोटक व हथियार बनाने के लिए उन्हें बांग्लादेश से रुपये मिलते थे
* एनआइए जांच पर राजनाथ लेंगे फैसला
नयी दिल्ली. बर्दवान जिले में एक मकान में दो अक्तूबर को हुए धमाके की नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) से जांच कराने की मांग के बीच केंद्र सरकार इस मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का स्वत: संज्ञान लेकर निर्णय करने से पहले सावधानीपूर्वक आगे बढ़ रही. सरकार इसके साथ ही इस कदम के राजनीतिक प्रभावों का अंदाजा भी लगा रही है. गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि गुप्तचर एजेंसियों तथा राज्य सरकार की रिपोर्ट मिल गयी है. इस मामले की जांच एनआइए को सौंपनी है या नहीं इसका निर्णय केवल केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे जो वर्तमान समय में महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं.
दो अक्तूबर को हुए विस्फोट में दो संदिग्ध आतंकवादी शकील अहमद और सुभान मंडल मारे गये थे और एक अन्य व्यक्ति हसन साहेब घायल हो गया था. सीआइडी दल ने मकान से ग्रेनेड, विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल किये जाने पाले रसायन, विस्फोट कैसे करना है इस पर एक पुस्तक, जेहादी साहित्य, जेहादी प्रशिक्षण पर एक वीडियो तथा बर्दवान जिले के महत्वपूर्ण स्थानों के मानचित्र जब्त किये थे. इसके साथ ही मकान से घडि़यों के डायल, सिम कार्ड और आइइडी बनाने में इस्तेमाल अन्य उपकरण बरामद किये गये थे.
ममता बनर्जी सरकार ने शुरू में इसे आतंकवादी घटना मानने से इनकार कर दिया. यद्यपि जब जब्त सामग्री से यह साबित हुआ कि कोई आतंकवादी समूह मकान में बम बना रहा था और हमला करने की योजना बना रहा था, तो अंतत: इसकी जांच राज्य सीआइडी को सौंप दी गयी. इस मामले में अभी तक दो महिलाओं सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. धुर प्रतिद्वंद्वी भाजपा और माकपा केंद्र से इस मामले की जांच एनआइए को सौंपने की मांग करने में एक हैं. अन्य गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के साथ ही बनर्जी और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनआइए कानून के उस प्रावधान का विरोध किया जो किसी भी आतंकवादी संबंधी मामले की जांच के लिए केंद्र को व्यापक अधिकार देता है.
* हुई चौथी गिरफ्तारी
पुलिस ने दो अक्तूबर के विस्फोट में घायल संदिग्ध आतंकवादी को मंगलवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया,जिसके बाद इस घटना में गिरफ्तार होने वालों की संख्या चार हो गयी. सीआइडी दो और संदिग्धों की तलाश कर रही है. पुलिस ने बताया कि विस्फोट में घायल शेख हकीम उर्फ हसन साहेब को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. हकीम का इलाज बर्दवान मेडिकल कालेज अस्पताल में हो रहा है.
पुलिस ने खगड़ागढ़ विस्फोट में मृत संदिग्ध आतंकवादी शकील अहमद की पत्नी राजिरा बीबी और हकीम की पत्नी अमीना बीबी को रविवार को गिरफ्तार किया था.सीआइडी ने विस्फोट के संबंध में हफीज मोल्ला उर्फ हशेम को पुरबोस्थोली के खार दुट्टपा स्थित उसके घर से रविवार को पकड़ा था. उसे कल औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया.सीआइडी अब इस मामले में दो अन्य संदिग्धों – कौसर और अब्दुल कलाम शेख की तलाश कर रही है.
कौसर पर संदेह है कि वह खगड़ागढ़ के उस घर पर नियमित आया जाया करता था जहां यह विस्फोट हुआ. शेख जिले के मंगलकोट इलाके का निवासी है और विस्फोट के तुरंत बाद उसके मोबाइल फोन पर सात काल की गयी थी. खगड़गढ़ के उस घर में विस्फोट में सुभान मंडल और शकील अहमद की मौत हुई थी जिसे संदिग्ध आतंकवादियों ने कुछ माह पहले किराये पर लिया था. पुलिस ने मकान के मालिक हसन चौधरी से भी पूछताछ की है.
* बांग्लादेश में प्रतिबंध के बाद बंगाल में रह कर फैला रहे थे आतंक का जाल
बर्दवान धमाके के लिए बांग्लादेश में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात- उल-मुजाहिद्दीन का हाथ होने की बात सामने आ रही है. सीआइडी की गिरफ्त में आयीं दो महिलाओं ने इस संगठन से जुड़े होने की बात कुबूल की है. वहीं गिरफ्तार तीसरे आरोपी हासेम मोल्ला ने भी प्राथमिक पूछताछ में खुलासा किया है कि इस आतंकी संगठन के लिए विस्फोटक व हथियार बनाने के लिए उन्हें बांग्लादेश से रुपये मिलते थे.
आतंकी संगठन के लिए स्लीपर सेल बनाने का काम के अलावा बांग्लादेश के लिए विस्फोटक व असलहा बनाकर वहां भेजने का काम भी यहां से होता था. आम लोगों को भ्रम में रखने के लिए यहां सिलाई करने का धंधा किया जाता था, जिससे लोगों को हकीकत की भनक ना लगे. अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार दोनों महिलाओं से पूछताछ में दो और युवकों का नाम सामने आया है.
टास्क फोर्स की टीम उन दोनों की भी तलाश में जुट गयी है. संगठन के सदस्यों ने बर्दवान के अलावा राज्य के और किन-किन जिलों में अपना डेरा बनाया है, इसकी भी जांच चल रही है.