शिव कुमार राउत, सागरद्वीप
सुदूर बंगाल की खाड़ी में समाती मां गंगा के पावन संगम में डुबकी लगाने का महात्मय सनातन काल से ही चला आ रहा है. इस साल 15 जनवरी को संक्रांत स्नान की तिथि है, जिसके मद्देनजर प्रशासन की ओर से सागरद्वीप पर सुरक्षित व सुव्यस्थित तैयारियां की गयी हैं. गौरतलब है कि पिछले साल अर्द्धकुंभ होने कारण भी लगभग 35 लाख लोगों ने गंगा स्नान किया था.
ऐसे में इस साल प्रशासन इस बात को लेकर आश्वस्त है कि रिकार्ड तोड़ पुण्यार्थी सागर तट पर पहुंचेंगे. राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने रविवार को गंगासागर मेला ऑफिस में संवाददाताओं को बताया कि एक आकंड़े के अनुसार 9 जनवरी से अब तक आठ लाख लोग सागरद्वीप पहुंच चुके हैं. साथ ही आस्था की डुबकी लगाने का क्रम भी शुरू हो गया.
उन्होंने इसका श्रेय राज्य सरकार को देते हुए कहा कि ममता सरकार के निर्देश में हर साल सागर मेला की व्यवस्था ना सिर्फ बेहतर बल्कि हाइटेक भी की जा रही है. तीर्थयात्रियों के लिए सुगम तरीके से गंगासागर पहुंचने के लिए सड़क से लेकर जल मार्ग तक समुचित परिवहन की व्यवस्था की गयी है.
गत वर्ष की तुलना में इस बार मुड़ी गंगा की ड्रेजिंग करके लगभग छह लाख क्यूबिक मीटर शिल्ट निकाला गया. इस वजह से इस साल वेसेल के चलने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो होगी. गंगासागर मेला के लिए 32 वेसेल को मुड़ी गंगा में चलाया जा रहा है.
वहीं श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सागरतट पर एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है. मेले के दौरान 10 मंत्री मुस्तैद रहेगें. सबसे प्रमुख बात सागर तट को पॉलीथीन मुक्त रखने का प्रयास है. प्रशासन की तमामतर तैयारियों के कारण समूचा सागरद्वीप इस समय भक्ति में रमा हुआ है. कपिलमुनि आश्रम लेजर लाइट से जगमगा रहा है. साधु-संन्यासी शरीर पर भभूत लगाए अपनी धुन में मस्त हैं.