14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

निजी अस्पतालों के सर्जन सरकारी अस्पतालों में भी कर सकेंगे सर्जरी

कोलकाता : राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों का बड़ा अभाव है. सबसे खराब हालत मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल व जिला अस्पतालों की है. चिकित्सकों के इस अभाव के दूर करने के लिए सरकार की ओर से विशेष पहल की गयी है, जिसके अनुसार निजी अस्पतालों के इच्छुक डॉक्टर अब सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज, […]

कोलकाता : राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों का बड़ा अभाव है. सबसे खराब हालत मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल व जिला अस्पतालों की है. चिकित्सकों के इस अभाव के दूर करने के लिए सरकार की ओर से विशेष पहल की गयी है, जिसके अनुसार निजी अस्पतालों के इच्छुक डॉक्टर अब सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज, जनरल व मल्टी सुपरस्पेशियलिटी व जिला अस्पतालों में सर्जरी कर सकेंगे. ज्ञात हो कि इससे पहले प्राइवेट डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों के आउटडोर में बैठने की अनुमति दी गयी थी.

इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से 26 दिसंबर को विज्ञप्ति जारी की गयी है. पेडियाट्रिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, पेडियाट्रिक न्यूरो सर्जरी, इएनटी, मैक्सिलोफेशियल सर्जरी, कार्डियक (पेडियाट्रिक एवं एडल्ट) सर्जन सरकारी अस्पतालों में सेवा दे सकेंगे. इसके अलावा ऐसे डॉक्टर्स मेडिकल कॉलेजों में स्टूडेंट्स को पढ़ा भी सकेंगे. ऐसे डॉक्टरों को सम्मान स्वरूप पारिश्रमिक प्रति घंटा 1500 रुपये दिये जायेंगे. डॉक्टर सप्ताह में तीन दिन 18 घंटे यानी प्रतिदिन छह घंटा कार्य कर सकेंगे.
सरकारी डॉक्टरों को भी विशेष पैकेज : मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में जनरल सर्जरी, ओब्सटेट्रिक्स एंड गायनोलॉजिकल व लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने के लिए सरकारी डॉक्टरों से कार्य लिया जायेगा. प्रति सर्जरी के लिए इच्छुक सरकारी डॉक्टरों को फीस के तौर पर पांच हजार रुपये दिये जायेंगे.
सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, रेसिडेंट मेडिकल ऑफिसर या जिला अस्पतालों में कार्य करनेवाले विशेषज्ञ डॉक्टर सरकार की इस योजना से जुड़ सकेंगे. सरकार की इस योजना से जुड़नेवाले चिकित्सकों को प्रति सर्जरी के लिए पांच हजार रुपये मिलेंगे.
क्या कहते हैं चिकित्सक
स्वास्थ्य विभाग की उक्त योजना से किसी भी मरीज को विशेष लाभ नहीं मिलेगा. राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्य करने का माहौल नहीं है. सरकारी अस्पतालों में सेवारत कई डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ दी. सरकारी अस्पतालों में कार्य करनेवाले चिकित्सकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था का भी अभाव है.
सरकार पहले सरकारी अस्पतालों में कार्य करने का माहैल बनाये. वहीं सर्जरी से पहले मरीज का फॉलोअप जरूरी होता है. कोई भी चिकित्सक सीधे सर्जरी नहीं कर सकता है.
-डॉ सजल विश्वास, महासचिव, सर्विस डॉक्टर फोरम
सरकार की योजना सराहनीय है. जिला अस्पतालों में इलाज करानेवाले मरीजों को कुछ हद तक राहत मिलेगी और चिकित्सकों पर भी दबाव कम होगा.
-अपूर्व घोष, निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें