कोलकाता: राज्य की पूर्व वाममोरचा सरकार ने वर्ष 2006 में महेशतल्ला नगरपालिका क्षेत्र के बाटानगर में नदी के किनारे तत्कालीन सरकार ने रिवरबैंक होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (आरएचपीएल) को आवासीय योजना के लिए करीब 262 एकड़ जमीन दी थी, कंपनी ने यहां करीब 1500 करोड़ रुपये खर्च कर यहां आवासीय योजना तैयार कर रही है.
गौरतलब है कि इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए बाटा इंडिया व कलकत्ता मेट्रोपॉलिटन ग्रुप (सीएमजी) के बीच में 50:50 अनुपात के अनुसार रिवर बैंक होल्डिंग प्राइवेट लिमिटड का गठन किया गया था. अब राज्य की वर्तमान तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने कंपनी से जमीन तो वापस नहीं ली है, लेकिन राज्य सरकार ने कंपनी को वहां आवासीय योजना के साथ-साथ कई और प्रोजेक्ट बनाने को कहा है और साथ ही राज्य सरकार ने यह भी तय कर दिया है कि इसके लिए राज्य सरकार द्वारा एक रुपया भी नहीं दिया जायेगा.
मंगलवार को राज्य सचिवालय में राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, परिषदीय मंत्री पार्थ चटर्जी व वित्त मंत्री अमित मित्र ने आपस में बैठक की और बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि पूर्व वाममोरचा सरकार ने मनमाने ढंग से यहां कंपनी को पानी की कीमत पर जमीन दे दी थी, इससे राज्य सरकार के राजस्व को काफी नुकसान हुआ था. इसलिए वर्तमान सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और यहां समाज कल्याण मूलक योजनाएं भी क्रियान्वित करने को कह रही है, जिससे यहां के स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा. राज्य सरकार ने कंपनी से यहां आवासीय योजना के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज बनाने को कहा है और साथ ही इसमें 10 प्रतिशत बेड गरीबों के लिए आरक्षित रखने को कहा गया है. इसके अलावा आधुनिक विद्यालय, ट्रांसपोर्ट हब, औद्योगिक पार्क, गोल्फ कोर्स बनाने का निर्देश दिया है.