कोलकाता : नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के प्रदेश भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा आलोचना किये जाने को लेकर प्रदेश भाजपा में सवाल उठे रहे हैं. प्रदेश भाजपा नेताओं द्वारा अभिजीत बनर्जी की आलोचना किये जाने पर प्रदेश भाजपा का एक वर्ग सवाल उठा रहा है. इस बीच, मंगलवार को श्री बनर्जी दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे.
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अभिजीत बनर्जी की आलोचना पर भाजपा में उठ रहे सवाल
कोलकाता : नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के प्रदेश भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा आलोचना किये जाने को लेकर प्रदेश भाजपा में सवाल उठे रहे हैं. प्रदेश भाजपा नेताओं द्वारा अभिजीत बनर्जी की आलोचना किये जाने पर प्रदेश भाजपा का एक वर्ग सवाल उठा रहा है. इस […]
श्री मोदी ने श्री बनर्जी को नोबेल पुरस्कार मिलने पर बधाई दी थी. आरएसएस के करीबी माने जानेवाले भाजपा नेता व पत्रकार रंतिदेव सेनगुप्त ने एक न्यूज पोर्टल में लिखा है : अभिजीत बनर्जी को लेकर लोगों के अलग-अलग विचार हो ही सकते हैं, लेकिन किसी की निजी जिंदगी पर हमला बोलना ठीक नहीं है. इससे भाजपा को नुकसान हो रहा है. बंगाल का शिक्षित समाज इससे नराज है.
श्री सेनगुप्ता ने लिखा : मैं अभिजीत बनर्जी को कभी भी अर्द्ध बंगाली नहीं मानता हूं. उनकी जीवन पद्धति व सांस्कृतिक विचारधारा से स्पष्ट है कि वह पूरी तरह से बंगाली हैं. वह पूरी तरह से बंगाली हैं और हिंदी उच्चारण में बांग्ला नहीं बोलते हैं. प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी के सदस्य शमिक भट्टाचार्य का कहना है : मैं पहले भारतीय हूं. उसके बाद बंगाली हूं.
किसी नोबेल पुरस्कार विजेता का आकलन करने की उनके पास दक्षता नहीं है. प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु का कहना है कि वह किसी के निजी जीवन पर कोई वक्तव्य करना नहीं चाहते हैं, लेकिन यह सच है कि चाहे अमर्त्य सेन हों या फिर अभिजीत बनर्जी, दोनों में से कोई भी समाज के रोल मॉडल नहीं हैं. वह रवींद्रनाथ टैगोर या पंडित विद्यासागर नहीं हैं. नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं. वह अभिजीत बनर्जी को बधाई देकर राजधर्म का पालन किये हैं.
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