कोलकाता : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोगों को रविवार को आगाह किया कि सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते समय सावधान रहें. उन्होंने तथ्यों की जांच के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रिंट मीडिया का पाठकों के बीच गहरा प्रभाव है. पूर्व राष्ट्रपति कैंडिड कम्युनिकेशन के आठवें पत्रकारिता पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर बोल रहे थे.
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प्रणब ने कहा- सोशल मीडिया से रहें सचेत प्रिंट मीडिया का लोगों के बीच गहरा प्रभाव
कोलकाता : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोगों को रविवार को आगाह किया कि सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते समय सावधान रहें. उन्होंने तथ्यों की जांच के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रिंट मीडिया का पाठकों के बीच गहरा प्रभाव है. पूर्व राष्ट्रपति कैंडिड कम्युनिकेशन के आठवें पत्रकारिता पुरस्कार वितरण समारोह के […]
उन्होंने कहा कि सूचना तकनीक के विकास के साथ मीडिया का विस्तार हो रहा है. मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है. पत्रकारिता अपने उभरते दौर में है. पत्रकारिता दिनों-दिन शक्तिशाली हो रही है. पत्रकारिता पेशा और मजबूती के साथ उभर रही है. तकनीक के विकास के साथ अब टाइप राइटर का स्थान कंप्यूटर और मोबाइल फोन ने ले लिया है.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा : इसके साथ मैं युवा पत्रकार पीढ़ी को सचेत करना चाहता हूं. आपके पास बहुत ही प्रभावशाली माध्यम है. इस माध्यम से आप लोगों के मन मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं.
संपादकीय के माध्यम से आप अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन जहां तक समाचार लिखने की बात है, इसमें सावधान रहने की जरूरत है. समाचार में 100 फीसदी केवल तथ्य रहें. इसमें पत्रकार का कोई विचार समाहित नहीं हो पाये. समाचार केवल तथ्यों पर आधारित होने चाहिए. इसमें अपने विचार का समावेश नहीं करें. विचार करने का निर्णय पाठक पर छोड़ दें.
उन्होंने कहा
आज मीडिया के क्षेत्र में तकनीकी क्रांति भी आयी है. सोशल मीडिया का प्रभाव पढ़ा है, लेकिन सोशल मीडिया के अपने कुछ दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं. समाचार पत्र के प्रकाशन में संवाददाता से लेकर संपादक की जिम्मेदारी होती है, लेकिन सोशल मीडिया में कई ऐसे न्यूज फॉरवर्ड कर दिये जा रहे हैं, कई ऐसी स्टोरी आ रही हैं, जिनसे समाज में तनाव बढ़ जाता है.
कुछ लोग जानबूझ कर गलत उद्देश्य से इन स्टोरी को सोशल मीडिया के जरिये फैला रहे हैं. इसलिए सोशल मीडिया की स्टोरी को शेयर करने के प्रति सचेत रहने की जरूरत है.
श्री मुखर्जी ने कोलकाता का पत्रकारिता के इतिहास में योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि आरंभिक दौर से ही कोलकाता की पत्रकारिता ने देश को नयी राह दिखायी है. स्वतंत्रता आंदोलन के समय देश के नेता किसी न किसी समाचार पत्र का प्रकाशन से जुड़े थे और स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारिता के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी.
उन्होंने कहा कि फिलहाल उनकी उम्र 85 वर्ष है, 1996 से अब तक संसदीय व्यवस्था से जुड़े हुए हैं, लेकिन उसके पहले वह भी एक मासिक पत्रिका का प्रकाशन करते थे. अन्य राज्यों की तुलना में पश्चिम बंगाल में पंचायती राज व्यवस्था विलंब से लागू की गयी थी. पंचायती राज के प्रति लोगों में चेतना जगाने के लिए उन्होंने मासिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया था.
प्रभात खबर को मिला पुरस्कार
कोलकाता. प्रभात खबर, कोलकाता को हिंदी फीचर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्रदान किया गया है. कैंडिड कम्युनिकेशन के आठवें पत्रकारिता पुरस्कार सम्मान समारोह में रविवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वरिष्ठ पत्रकार मनोजीत मित्रा को सुमित सेन मेमोरियल लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया, जबकि प्रभात खबर कोलकाता के सीनियर न्यूज एडिटर अजय विद्यार्थी को टेस्ट ट्यूब बेबी के जनक डॉ सुभाष मुखर्जी पर स्टोरी के लिए हिंदी के जनरल फीचर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पत्रकार का पुरस्कार प्रदान किया गया.
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