प्रशासन दे आयुष को बढ़ावा
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आयुष में भी संभव है डेंगू का इलाज
प्रशासन दे आयुष को बढ़ावा अचूक दवा है गिलोय और पपीते के पत्ते का रस कोलकाता : हर साल की तरह इस वर्ष भी पश्चिम बंगाल के डेंगू का कहर बरप रहा है. इस मच्छर जनित संक्रमण का सबसे अधिक प्रकोप उत्तर 24 परगना में देखी जा रहा है. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार अब तक […]
अचूक दवा है गिलोय और पपीते के पत्ते का रस
कोलकाता : हर साल की तरह इस वर्ष भी पश्चिम बंगाल के डेंगू का कहर बरप रहा है. इस मच्छर जनित संक्रमण का सबसे अधिक प्रकोप उत्तर 24 परगना में देखी जा रहा है. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों इसकी चपेट में हैं.
ध्यान रहे कि डेंगू की चिकित्सा के लिए किसी भी पैथी के पास अब तक सही दवा उपलब्ध नहीं है, लेकिन हर पैथी के चिकित्सक अपने-अपने हिसाब से डेंगू की चिकित्सा कर रहे हैं. आयुर्वेद में इम्यूनिटी क्षमता बढ़ाने के लिए गिलोय दिया जाता, जबकि प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए पपीते के पत्ते का रस मरीज को पिलाया जाता है. इसी तरह होम्योपैथी में भी डेंगू की चिकित्सा के लिए कई दवाइयां उपलब्ध हैं.
डेंगू की चिकित्सा के लिए आयुष मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गयी है. केरल में इस गाइडलाइन का अनुसरण भी किया रहा है. वहीं बिहार में मस्तिष्क ज्वर (एईएस/ जेई) का उपचार आयुष विधि से करने के लिए राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष डॉक्टरों से सुझाव मांगा है, लेकिन पश्चिम बंगाल में इन आयुष डॉक्टरों की अनदेखी हो रही है.
यहां डेंगू के इलाज के लिए राज्य सरकार की ओर जारी विज्ञापनों में बुखार होने पर पेरासिटामोल खाने की सलाह दी जा रही हैै. इसी बात से राज्य के आयुष चिकित्सक नाराज हैं. उनका कहना है कि केवल एलोपैथी का ही प्रचार किया जा रहा है. जबकि रोकथाम के लिए हमारे पास भी असंख्य दवा उपलब्ध हैं तो हमारी अनदेखी क्यों की जा रही है?
चिकित्सकों का कहना है कि अगर सरकार डेंगू के इलाज के क्षेत्र में लोगों से गिलोय या अन्य दवा खाने की सलाह दें तो इससे जनमानस लाभान्वित होंगे. इलाज के क्षेत्र में आयुष डॉक्टरों की हो रही अनदेखी के विषय में जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गयी. राज्य के डायरेक्टर जनरल आयुष एस कुमार द्विवेदी ने हमें इस विषय में जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी प्रशांत विश्वास से बात करने को कहा.
डेंगू : वार्ड 132 में निगम ने चलाया अभियान
डेंगू के रोकथाम के लिए कोलकाता के डिप्टी मेयर अतिन घोष के नेतृत्व में 132 नंबर वार्ड में सोमवार अभियान चलाया गया. श्री घोष के साथ निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गण भी. उन्होंने लोगों के डेंगू के विषय में जागरूक किया एवं पानी जमा कर न रखने की सलाह दी. रविवार को निगम के स्वास्थ्य विभाग की ओर से 131 नंबर वार्ड में भी अभियान चलाया गया था.
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