अब मधु चाय बागान में सामने आया श्रमिकों की मौत का मामला
विपक्ष ने छेड़ा आंदोलन
जिलाशासक को ज्ञापन
जलपाईगुड़ी : जलाईगुड़ी जिले से अलग होकर नवगठित अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक के मधु चाय बागान में श्रमिकों की मौत का मामला सामने आया है. बागान सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले आठ माह में यहां 10 श्रमिकों की मौत हुई. हालांकि यह चाय बागान खुला हुआ है और यहां हर दिन सामान्य काम-काज हो रहा है. लेकिन श्रमिकों को नियमित रूप से वेतन नहीं मिलने, अस्पताल में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं होने और राशन का समय पर वितरण नहीं होने से समस्या काफी बढ़ गयी है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार डुवार्स के रायपुर चाय बागान तथा रेडबैंक चाय बागान में पिछले कुछ दिनों के दौरान कई श्रमिकों की मौत के घटना के बाद प्रशासनिक तत्परता काफी बढ़ गयी है. प्रशासन के तमाम आलाधिकारी से लेकर मंत्री तक का ध्यान बंद पड़े चाय बागानों की तरफ है. राज्य सरकार द्वारा राहत कैंप लगाकर श्रमिकों के बीच राहत सामग्री के वितरण के साथ ही अन्य सहूलियत देने का काम हो रहा है. लेकिन खुले चाय बागानों की भी स्थिति उतनी अच्छी नहीं है.
मधु चाय बागान के श्रमिकों का कहना है कि नियमित रूप से वेतन नहीं मिलने के कारण उन सबके सामने घोर आर्थिक संकट है. लोग आधे पेट खाकर अपना गुजारा कर रहे हैं. अगर एक बार किसी को कोई बीमारी हो गयी, तो पैसे की कमी के कारण चिकित्सा करा पाना संभव नहीं हो रहा है. इन श्रमिकों ने सिर्फ बंद पड़े चाय बागानों में ही नहीं, बल्कि अन्य चाय बागानों की भी सुध लेने की गुहार राज्य सरकार से की है.
आरएसपी नेता व पूर्व विधायक निर्मल दास ने कहा है कि डुवार्स के ज्यादातर चाय बागानों की स्थिति काफी दयनीय है. बागान चाहे बंद हो या खुले, श्रमिकों की स्थिति जस की तस है. उन्होंने कहा है कि मधु चाय बागान के श्रमिकों को बागान प्रबंधन की ओर से राशन के मद में छह महीने से भी अधिक समय से एक दाना भी नहीं मिला है. श्रमिकों के वेतन से प्रोविडेंड फंड के पैसे काट लिये जाते हैं, लेकिन उनके फंड विभाग में जमा नहीं कराये जाते हैं. श्रमिकों को नियमित रूप से वेतन नहीं मिल रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि मधु चाय बागान के एक श्रमिक रंजीत उरांव(30) की मृत्यु गुरुवार को चिकित्सा के अभाव में हुई. इससे पहले भी एक श्रमिक की मौत हुई थी. उन्होंने बागान के श्रमिकों की बदहाली के संबंध में अलीपुरद्वार की नवनियुक्त जिला शासक एलीसवेज को ज्ञापन भी दिया है व शीघ्र समाधान की मांग की है.
उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार अगर चाय बागानों की स्थिति को सही रूप में सुधारना चाहती है, तो डुवार्स के सभी चाय बागानों की समीक्षा होनी चाहिए.