कोलकाता. भारत में परखनली शिशु की शुरुआत करने वाले दिवंगत डा. सुभाष मुखर्जी की पत्नी नमिता मुखर्जी का आज निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार 78 साल की नमिता मुखर्जी को उम्र संबंधी बीमारी थी और पिछले 12 सालों से बिस्तर पर थी.
मुखर्जी दंपती का कोई भी बच्चा नहीं होने के कारण दक्षिणी कोलकाता स्िथत एक घर में नमिता एकाकी जीवन बिता रहीं थीं. डा. मुखर्जी को आईवीएफ तकनीक से भारत के पहले और विश्व के दूसरे परखनली बच्ची दुर्गा के जन्म का श्रेय प्राप्त है.
गौरतलब है कि डा. सुभाष के शोध को खारिज किये जाने के बाद 1981 में उन्होंने आत्महत्या कर ली थी. डा सुभाष की मौत के बाद से उनके मित्र प्रो. सुनीत मुखर्जी और गैर सरकारी संगठन ‘इंडियाज स्माइल’ ही उनकी पत्नी का देखभाल करते थे.
डा. मुखर्जी की मौत के बाद मशहूर फिल्म निदेशक तपन सिन्हा ने उनके जीवन पर ‘एक डाक्टर की मौत’ नामक फिल्म बनायी थी. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से हाल ही में घोषण किया गया है कि डा. मुखर्जी के सम्मान में मेडिकल कॉलेज में एक पीठ का निर्माण कर डा. मुखर्जी के नाम से हर वर्ष एक छात्र को पुरस्कार दिया जायेगा.