कोलकाता/नयी दिल्ली : चक्रवाती तूफान फोनी के बाद मची तबाही के बाद प्रधानमंत्री द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को फोन न किये जाने की खबरों का पीएमओ ने खंडन किया है. मामले को लेकर पीएमओ का कहना है कि हमने दो बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन दोनों बार हमें बोला गया कि सीएम के आने पर आपको रिटर्न कॉल करेंगे.
PMO Sources: Two attempts were made on Saturday morning,from the PM's staff, to connect PM to the WB CM on phone.The first time, they were told that the CM is on tour&call will be returned. On the second occasion too,it was told by the CM's office, that the call will be returned.
— ANI (@ANI) May 5, 2019
आपको बता दें कि इससे पहले खबर आ रही थी कि तूफानी चक्रवात फोनी के बंगाल से गुजरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को फोन कर यहां की परिस्थिति का जायजा लिया. प्रधानमंत्री ने ट्वीटर के माध्यम से कहा कि उन्होंने राज्यपाल से बंगाल की परिस्थिति के बारे में जानकारी ली है और इस आपदा के समय केंद्र सरकार राज्य के साथ है और केंद्र सरकार द्वारा राज्य को हर संभव मदद किया जायेगा.
प्रधानमंत्री के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन नहीं किये जाने की खबर के बाद विवाद शुरू हो गया था.
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि देश में संघीय ढांचे का उल्लंघन किया जा रहा है. एक सामान्तर सरकार चलाने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री के राज्य के मौजूद होने के बावजूद प्रधानमंत्री ने उनसे बात कर परिस्थिति का जायजा नहीं लिया. केंद्र सरकार हमेशा से ही बंगाल की उपेक्षा करती आयी है और इस बार तो हद हो गयी. एक बार फिर केंद्र की एनडीए सरकार ने संघीय ढांचे का उल्लंघन किया.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने ओडिशा में चक्रवात के कारण नुकसान के बारे में जानकारी के लिए वहां के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व राज्यपाल गणेश लाल जी को फोन कर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. लेकिन बंगाल के लिए उनके द्वार सिर्फ राज्यपाल को फोन कर स्थिति का जायजा लिये जाने की खबर सामने आयी.
मामले को लेकर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने तृणमूल कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने किसी की कोई उपेक्षा नहीं की है. आपदा के समय भाजपा राजनीति नहीं करती. चक्रवात आने से पहले ही केंद्र सरकार ने राहत के लिए राशि भेज दी थी. इसलिए तृणमूल कांग्रेस के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं.