कोलकाता: आम लोगों की सुरक्षा के लिए सड़कों पर तैनात महिला पुलिस कर्मियों को ही थाने के अंदर अब यौन शोषण का शिकार होना पड़ रहा है. इस तरह का एक सनसनीखेज घटना का खुलासा शुक्रवार को तब हुआ जब तंग आकर पीड़िता ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों के पास की.
घटना को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच का निर्देश दे दिया. वहीं दूसरी तरफ मामले के खुलासे के बाद थाने के प्रभारी को लालबाजार बुलाया गया था. जहां उनकी राय भी ली गयी. जिसके बाद देर शाम को इस मामले की जांच चलने तक थाना प्रभारी राहुल सरकार को लंबी छुट्टी पर भेजने का निर्देश विभाग के डीसी ने दे दिया.
पीड़िता ने थाना प्रभारी पर क्या लगाये आरोप
पीड़िता पेशे से मैदान थाने में होमगार्ड के पद पर तैनात है. उन्होंने शिकायत में बताया कि एक वर्ष एक महीने पहले उसकी पोस्टिंग मैदान थाने में हुई थी. उसके बाद से ही थाना प्रभारी राहुल सरकार उसके साथ अभद्र आचरण करते थे. एक बार तो उसे अपने कमरे में बुलाकर शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव दिया. उनके इस सुझाव को मानने पर जल्द ही पदोन्नति देकर कांस्टेबल बना देने का भी प्रलोभन दिया. शुरूआत में वह उसके प्रस्ताव को अनदेखा कर दी और काम करने लगी.
चेंबर में जबरदस्ती करने का भी आरोप
शिकायत में पीड़िता ने बताया कि शुरूआत में उनके इस प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं देने पर थाना प्रभारी राहुल सरकार ने उसे फिर से कई बार चेंबर में बुलाकर उसके साथ जबरदस्ती करने की भी कोशिश की. कई बार तो उसे सड़क पर ड्यूटी करने के बदले अपने चेंबर में ड्यूटी करने की बात कहकर उसके हाथ पकड़ कर अपने तरफ खींचने का भी प्रयास किया. लगातार एक वर्ष से इस तरह के हरकत को बर्दास्त करने के बाद अंत में सारी हद पार हो गयी तब उसने इस घटना की शिकायत विभागीय डीसी (साउथ) मुरलीधर शर्मा को करने का निर्णय लिया.
पूरे मामले पर डीसी (साउथ) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि शिकायत मिलने पर विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर तपन पात्र को मामले की जांच का निर्देश दिया गया है. इसकी रिपोर्ट मिलने पर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
पहले भी छेड़खानी के विवाद में पड़ चुके हैं आरोपी ओसी
थाने के सूत्र बताते है कि मैदान थाने के प्रभारी राहुल सरकार इसके पहले भी वर्ष 2011 में इंटाली थाने में अतिरिक्त प्रभारी रहने के दौरान उनके खिलाफ एक महिला कांस्टेबल ने छेड़खानी का आरोप लगाया गया था. इसके बाद उन्हें डेढ़ वर्ष तक दूसरे पद पर रखा गया था. इसके बाद ठाकुरपुकुर थाने के अतिरिक्त प्रभारी के तौर पर उन्हें भेजा गया था. इसके बाद उन्हें पदोन्नति देकर मैदान थाने में भेजा गया था.